COVID-19: हरियाणा में कोई वीकेंड लॉकडाउन नहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फेक मैसेज
हरियाणा में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच हरियाणा सरकार ने यह साफ किया है कि हरियाणा में कोई वीकेंड लॉकडाउन नहीं होगा. सूचना, जनसंपर्क और भाषा विभाग के निदेशालय ने कहा कि सोशल मीडिया में 17 अप्रैल से वीकेंड लॉकडाउन लागू करने का एक आदेश फैलाया जा रहा है.
चंडीगढ़, 17 अप्रैल : हरियाणा (Haryana) में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच हरियाणा सरकार ने यह साफ किया है कि हरियाणा में कोई वीकेंड लॉकडाउन (Weekend lockdown) नहीं होगा. सूचना, जनसंपर्क और भाषा विभाग के निदेशालय ने कहा कि सोशल मीडिया में 17 अप्रैल से वीकेंड लॉकडाउन लागू करने का एक आदेश फैलाया जा रहा है. विभाग ने एक ट्वीट में जानकारी दी, "अलर्ट: हरियाणा में वीकेंड के दौरान लॉकडाउन लागू होने का फेक संदेश सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए हैं. इसे पूरी तरह से नजरअंदाज करने की जरूरत है. राज्य अपराधियों के खिलाफ आपराधिक और दंडात्मक कार्रवाई करेगा." एक दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कहा कि "कोविड के मामलों में तेजी से वृद्धि के बावजूद राज्य में औद्योगिक गतिविधियां बिना किसी बाधा के चलेंगी."
पिछले साल के विपरीत जब महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन की अवधि के दौरान औद्योगिक गतिविधियों को रोक दिया गया था, उन्होंने कहा कि "इस बार कोई भी प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा और इसलिए औद्योगिक गतिविधियां सुचारू रूप से चलेंगी." उन्होंने आगे कहा, "पिछले साल औद्योगिक गतिविधियों के बंद होने के कारण कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा था.. पिछले वर्ष के अनुभव से सीखते हुए इस बार औद्योगिक गतिविधियों को रोका नहीं जाएगा, हालांकि वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे." राज्य में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों को चिंता ना करने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करना जारी रखना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. यह भी पढ़ें : COVID-19: दिल्ली में कोविड स्थिति की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री करेंगे बैठक
उन्होंने कहा, "राज्य सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है." खट्टर ने दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों को घर वापस जाने और स्थिति सामान्य होने पर वापस विरोध स्थलों पर आने की अपील की है. सरकार ने 30 अप्रैल तक सभी स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का भी आदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा, "पिछली बार सरकार द्वारा इन श्रमिकों को राशन और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए लगभग 1,500 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे और इस बार भी उनकी हर संभव मदद की जाएगी."