
नई दिल्ली: भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को बड़ा झटका लगा है. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) स्कैम के आरोपी चोकसी को डोमिनिका (Dominica) में प्रतिबंधित अप्रवासी घोषित किया गया है. डोमिनिकन सरकार ने गुरुवार को हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को अपने देश में "निषिद्ध अप्रवासी" घोषित किया. Mehul Choksi Case: एक बार फिर भारत के चंगुल से छूटा मेहुल चोकसी, खाली हाथ लौटे भारतीय अधिकारी
डोमिनिका सरकार के इस कदम से भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी को अब डोमिनिका में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही पुलिस प्रमुख को मेहुल चोकसी को वापस स्वदेश भेजने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. डोमिनिका सरकार का यह आदेश मेहुल चोकसी के लिए झटका है और साथ ही उसके अगवा करने वाले आरोप को कमजोर बनाता है.
By powers vested in me in accordance with Immigration & Passport Act of 2017 revised laws of Dominica, Mehul Choksi is declared a prohibited immigrant. Necessary action be taken to have him removed from here: Dominica's National Security & Home Affairs Min,in order dated 25th May
— ANI (@ANI) June 10, 2021
उल्लेखनीय है कि डोमिनिका हाईकोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की जमानत याचिका पर सुनवाई 11 जून तक के लिए स्थगित कर दी है. स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के बाद चोकसी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. चोकसी के स्थानीय वकीलों के दल ने यह याचिका दायर की थी. इसके आलावा हाईकोर्ट चोकसी के विधिक दल की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर भी सुनवाई कर रहा था और उसकी सुनवाई भी स्थगित कर दी गई. चोकसी के अपहरण के मामले में संलिप्तता के आरोप से गुरजीत भंडाल ने किया इनकार
उल्लेखनीय है कि गत 23 मई को 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में भारत में वांछित चोकसी एंटीगुआ एवं बारबुडा से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया था तथा उसे पड़ोसी देश डोमिनिका में अवैध प्रवेश करने पर पकड़ा गया था. चोकसी और उनके वकीलों ने दावा किया है कि उन्हें जबरन एक जहाज पर चढ़ा दिया गया और उनका अपहरण कर लिया गया. 2 जून को चोकसी ने अदालत की उपस्थिति में अवैध प्रवेश के लिए दोषी नहीं होने का अनुरोध किया और फिर उसे जमानत देने से इनकार कर दिया गया. भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा मामला दर्ज करने से कुछ दिन पहले 62 वर्षीय हीरा कारोबारी ने जनवरी 2018 में भारत छोड़ दिया था.