Former President Pranab Mukherjee Dies at 84: प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, राहुल गांधी, समेत इन नेताओं ने जताया दुःख
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Photo Credits: Twitter @IndiaFoundation)

नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का आज दिल्ली के आर्मी रिसर्च और रेफरल अस्पताल में निधन हो गया. इस बात की जानकारी उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी. प्रणब लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. उनके निधन की खबर सुनकर पूरे देश में शोक फैल गया है. हर को उन्हें श्रधांजली दे रहा है और इनके तारीफ कर रहा है. प्रणब 84 साल के थे. प्रणब 2012 से 2017 तक भारत के तेरहवें राष्ट्रपति रहे. प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, राहुल गांधी आदि नेताओं ने शोक जताया है.  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'पूर्व राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा. उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है. प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ.  यह भी पढ़े: Pranab Mukherjee Dies at 84: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, कहा- उनके साथ अपनी बातचीत को संजोए रखूंगा

प्रणव मुखर्जी के निधन पर अमित शाह ने जताया दुःख:

प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने जताया शोक:

राहुल गांधी ने प्रणव मुखर्जी के निधन पर जताया शोक:

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के निधन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दुःख जताया है. उन्होंने कहा देश के पूर्व राष्ट्रपति, भारतरत्न प्रणब मुखर्जी जी के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है. उनकी मृत्यु देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है. प्रणब दा, उमदा व्यक्तित्व के धनी और अच्छे मित्र थे.

बता दें कि प्रणब मुखर्जी केवल एक नेता मात्र नहीं थे. देश के सर्वश्रेष्‍ठ बुद्ध‍िजीवियों में उनका नाम लिया जाता रहा है. राष्‍ट्र की सेवा में अनुकरणीय योगदान देने वाले प्रणब मुखर्जी 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक देश के राष्‍ट्रपति रहे. 2019 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया.उन्होंने अपने जीवन के पचास से अधिक वर्ष बतौर राजनेता देश की सेवा की.

प्यार से लोग उन्हें प्रणब दा कहकर पुकारते थे. खास बात यह है कि चाहे कांग्रेस पार्टी हो या फिर संसद के गलियारे, प्रणब दा का हर कोई सम्मान करता था. चाहे पक्ष के हों या विपक्ष के कोई भी नेता उनकी बात को मना नहीं करता था. हर कोई उनके साथ काम करने के लिए लालायित रहता था.