नवी मुंबई पुलिस ने एक सोशल मीडिया यूजर के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसने कथित तौर पर एक AI-जनरेटेड वीडियो बनाया था जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकते दिखाया गया. पुलिस का कहना है कि इस वीडियो से अनुसूचित जाति समुदाय की भावनाओं को चोट पहुंचाने की कोशिश की गई. यह कदम उस समय उठाया गया जब पंजाब पुलिस ने CJI पर सोशल मीडिया पर अपमानजनक और जातिवादी टिप्पणियों के लिए कई FIR दर्ज की थीं.
सुप्रीम कोर्ट परिसर में सोमवार को एक व्यक्ति ने CJI BR गवैया पर जूता फेंकने का असफल प्रयास किया था. उस व्यक्ति ने “सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” के नारे लगाए और सुरक्षा कर्मियों द्वारा उसे तुरंत कोर्टरूम से बाहर ले जाया गया.
आरोपी और SCBA की कार्रवाई
जूता फेंकने वाले व्यक्ति की पहचान एडवोकेट राकेश किशोर के रूप में हुई. इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने 6 अक्टूबर को एडवोकेट राकेश किशोर की अस्थायी सदस्यता समाप्त कर दी.
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद CJI गवैया के 16 सितंबर के एक मामले में दिए गए बयान से शुरू हुआ था, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश के खजुराहो के जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फीट ऊंची मूर्ति को पुनः स्थापित करने की याचिका को “पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन” बताते हुए खारिज कर दिया. CJI ने कहा था, “अगर आप भगवान विष्णु के सच्चे भक्त हैं, तो आप प्रार्थना करें और ध्यान करें. यह केवल प्रचारात्मक याचिका है.”












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