Income Tax Filing: अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भर दिया है, तो आपका काम यहीं खत्म नहीं होता है. आईटीआर को वेरिफाई (सत्यापित) करना आखिरी और बहुत जरूरी कदम होता है. जब तक आप आईटीआर को वेरिफाई नहीं करते, वह आयकर विभाग की नजर में वैध (Valid) नहीं माना जाता है. इसलिए रिटर्न भरने के बाद उसे सही समय पर वेरिफाई करना बेहद जरूरी है.
आईटीआर को ऑनलाइन वेरिफाई कैसे करें? (How To e-Verify ITR Online?)
ई-वेरिफिकेशन (e-Verification) का मतलब है, कि आप अपने इनकम टैक्स रिटर्न को ऑनलाइन तरीके से सत्यापित करें, ताकि वह आधिकारिक रूप से स्वीकार हो सके. इसके लिए आयकर विभाग ने छह आसान तरीके उपलब्ध कराए हैं. आप अपने आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी (OTP) की मदद से ई-वेरिफाई कर सकते हैं. इसके अलावा, पहले से वैलिडेट किए गए बैंक अकाउंट या डिमैट अकाउंट के जरिए ईवीसी (Electronic Verification Code) प्राप्त करके भी यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है.
यदि आप चाहें तो एटीएम (ATM) के जरिए भी ईवीसी जनरेट कर सकते हैं (यह ऑफलाइन तरीका है). इसके अलावा नेट बैंकिंग और डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) के जरिए भी आसानी से ई-वेरिफिकेशन किया जा सकता है.
कैसे पता चलेगा कि ई-वेरिफिकेशन पूरा हो गया है? (How Will We Know That e-Verification Is Complete)
अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न सफलतापूर्वक ई-वेरिफाई कर दिया है, तो आपकी स्क्रीन पर एक सक्सेस मैसेज दिखाई देगा, जिसमें एक ट्रांजैक्शन आईडी (Transaction ID) भी होगी. साथ ही, आपके रजिस्टर्ड ईमेल आईडी (Email ID) पर एक कन्फर्मेशन मेल भी भेजा जाएगा. अगर आप किसी कंपनी, ट्रस्ट या संस्था के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता (Authorised Signatory) या प्रतिनिधि असेसी (Representative Assessee) हैं, तो ई-वेरिफिकेशन के बाद आपके साथ-साथ उस प्रतिनिधि को भी ईमेल के जरिए वेरिफिकेशन की पुष्टि भेजी जाएगी.
अगर समय पर ई-वेरिफाई नहीं किया तो क्या होगा? (What Will Happen If e-Verification Is Not Done On Time)
अगर आप तय समय सीमा के भीतर अपने आईटीआर को वेरिफाई नहीं करते हैं, तो आयकर विभाग उसे ‘जमा नहीं किया गया’ (Not Filed) मानता है. ऐसी स्थिति में आपका रिटर्न अमान्य हो सकता है. इस देरी को ठीक करने के लिए आपको एक ‘कोंडोनेशन रिक्वेस्ट’ (Condonation Request) यानी देरी के कारण की जानकारी देते हुए एक आवेदन देना होगा. जब यह रिक्वेस्ट इनकम टैक्स विभाग द्वारा मंजूर कर ली जाती है, तभी आप अपना रिटर्न ई-वेरिफाई कर सकते हैं. आपको यह ध्यान रखना होगा की, आपका आईटीआर तभी वैध माना जाएगा जब यह वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी हो जाती है.
ई-वेरिफिकेशन करने के फायदे (Benefits Of Doing e-Verification)
ई-वेरिफिकेशन करने का सबसे बड़ा फायदा यह है, कि आपको अपने आईटीआर-5 (ITR-V) की फिजिकल कॉपी को सीपीसी (CPC) बेंगलुरु भेजने की जरूरत नहीं पड़ती है. रिटर्न तुरंत ऑनलाइन वेरिफाई हो जाता है, जिससे डाक या पोस्ट के जरिए देरी होने की कोई संभावना नहीं रहती है. आप अपने रिटर्न को वेरिफाई करने के लिए आधार ओटीपी, बैंक ईवीसी, नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट जैसे किसी भी सुविधाजनक विकल्प का उपयोग कर सकते हैं. यह प्रक्रिया आसान, तेज और पूरी तरह पेपरलेस है.
आईटीआर वेरिफिकेशन ऑफलाइन कैसे करें? (How To Do ITR Verification Offline)
अगर आप ई-वेरिफिकेशन नहीं करना चाहते हैं, तो आप ऑफलाइन तरीका भी अपना सकते हैं. इसके लिए आपको अपने आईटीआर-5 की साइन की हुई प्रिंटेड कॉपी को सीपीसी बेंगलुरु के पते पर स्पीड पोस्ट या साधारण डाक के माध्यम से भेजना होगा. यह तरीका उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो ऑनलाइन प्रक्रिया से सहज नहीं हैं, या जिनके पास ई-वेरिफिकेशन के लिए जरूरी विकल्प उपलब्ध नहीं हैं.
आईटीआर भरने की आखिरी तारीख क्या है? (What Is The Last Date For Filing ITR)
वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 तय की गई थी. लेकिन अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस तारीख को बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है. यह समय सीमा विशेष रूप से व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स (Individual Taxpayers) और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए बढ़ाई गई है, जिन्हें ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं होती है. ऐसे करदाताओं को अब थोड़ा और समय मिल गया है, ताकि वे बिना किसी जल्दबाज़ी के अपना रिटर्न सही तरीके से दाखिल कर सकें.












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