
कोविड-19 (COVID-19) महामारी के विरूद्ध जारी युद्ध में कोविड वॉरियर्स दिन-रात मरीजों और जरूरतमंदों की सेवा करने में जुटे हुए हैं। देश भर में लाखों की तादात में कोविड वॉरियर्स कोविड-19 रोगियों के उपचार में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं. सभी का एक ही मकसद है, इस बीमारी को जड़ से खत्म करना. संकट की इस घड़ी में ऐसे वॉरियर्स भी हैं, जिन्होंने अभी अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं की है और आज कोरोना मरीजों के बेहद करीब खड़े हैं. अपनी जान की परवाह किए बगैर. ये छात्र हैं एमबीबीएस, डेंटल व नर्सिंग पाठ्यक्रमों के.
केंद्र सरकार ने जिस वेबसाइट के माध्यम से लोगों को कोरोना वॉरियर के रूप में फ्रंट-फुट पर काम करने के लिए आमंत्रित किया था, उस पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार देश भर में 1,53,656 एमबीबीएस छात्र कोविड फ्रंटलाइन पर सेवाएं दे रहे हैं.हालांकि आपको बता दें कि इनको इस काम के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण दिया गया है. यही नहीं ये छात्र वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में अपनी सेवाएं दे र�u_sub_nav_blk">