नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को बुलाया गया 'भारत बंद' शांतिपूर्ण रहा. बंद का असर कई राज्यों में देखने को मिला. भारत बंद के बाद बीती रात किसान नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. एक ओर जहां सरकार कानून वापस ना लेने पर अड़ी है वहीं किसान नेता अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. सरकार बीच का कोई रास्ता निकालने की कोशिश में हैं. वहीं किसान नेता कानून वापसी से कम में मानने को तैयार नहीं हैं. इन सब के बीच किसानों का आंदोलन 14वें दिन में प्रवेश कर गया है.
लगातार 14 दिन से किसान सिंघु बॉर्डर (Haryana-Delhi border) पर डटे हुए हैं. कृषि कानूनों पर अपनी मांग को लेकर किसान हरियाणा दिल्ली बॉर्डर डेरा डाले बैठे हैं. किसान कानून रद्द करने के लिए हां या ना में जवाब चाहते हैं. मंगलवार को 'भारत बंद' के बाद अचानक ही अमित शाह और किसान नेताओं की बैठक की बात सामने आई. देर रात तक चली इस बैठक में करीब 13 किसान नेता शामिल हुए, हालांकि कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. बैठक के बाद बुधवार को होने वाली सरकार और किसानों की बैठक स्थगित कर दी गई है. Farmers Protest: पंजाब किसान यूनियन ने कहा-हम दिल्ली या हरियाणा किसी को भी असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते हैं, हमें रामलीला ग्राउंड पर विरोध प्रदर्शन की मिले इजाजत.
किसान आंदोलन जारी:
Delhi: Farmers continue to camp at Singhu border (Haryana-Delhi border) to protest against the farm laws.
Farmers' protest at Singhu border, against #FarmLaws, entered 14th day today. pic.twitter.com/1l1vp2t5fo
— ANI (@ANI) December 9, 2020
बुधवार को किसानों को एक लिखित प्रस्ताव मिलेगा. किसानों को दोपहर से पहले सरकार की ओर से लिखित प्रस्ताव मिल जाएगा. जिसके बाद किसान संगठन सिंघु बॉर्डर पर बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे. बुधवार को सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे राउंड की बातचीत होनी थी.
गृह मंत्री से पहले किसान नेताओं की केंद्र सरकार के साथ अब तक पांच राउंड की बातचीत हो चुकी है. पांचों ही वार्ता बेनतीजा रही. इन बातचीत में सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर अड़े रहे. सरकार जहां कृषि कानून को वापस लेने से इनकार कर रही है तो वहीं, किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.