Are Two-Wheelers Charged Toll Tax? आजकल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट या वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें यह दिखाया जा रहा है कि अब नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर बाइक और स्कूटर जैसे दोपहिया वाहनों से भी टोल टैक्स लिया जा रहा है. इस पोस्ट को देखकर बहुत से लोग परेशान हैं और सोच रहे हैं कि क्या सरकार ने सच में ऐसा कोई नया नियम लागू कर दिया है.
लेकिन रुकिए! कोई भी खबर आगे बढ़ाने से पहले उसकी सच्चाई जानना बहुत ज़रूरी है. सरकार की आधिकारिक फैक्ट-चेक एजेंसी, पीआईबी फैक्ट चेक, ने इस वायरल दावे की पड़ताल की है और सच्चाई बताई है.
क्या है असली सच?
PIB Fact Check के अनुसार, यह दावा पूरी तरह से भ्रामक है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), जो देश के ज़्यादातर नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे की देखरेख करता है, उसके नियमों के मुताबिक दोपहिया वाहनों से कोई टोल टैक्स या उपयोगकर्ता शुल्क नहीं लिया जाता है. यह नियम पूरे देश में NHAI द्वारा संचालित सड़कों पर लागू है.
तो फिर वायरल वीडियो किस जगह का है?
अब सवाल उठता है कि अगर यह नियम है, तो वायरल वीडियो में टोल क्यों लिया जा रहा है?
PIB ने साफ किया है कि जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे का है. यहाँ यह जानना सबसे ज़रूरी है कि यमुना एक्सप्रेसवे NHAI के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. यह एक स्टेट एक्सप्रेसवे है, जिसका नियंत्रण यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के पास है.
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय राजमार्गों और राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे पर स्थित टोल प्लाज़ा पर दोपहिया वाहनों से टोल टैक्स लिया जा रहा है।#PIBFactCheck
📢 भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा संचालित देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों और… pic.twitter.com/jiAHzcAlxb
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 21, 2025
इसका मतलब यह है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर टोल की दरें क्या होंगी, यह तय करने का अधिकार YEIDA का है, न कि NHAI का. इसलिए, किसी एक स्टेट एक्सप्रेसवे के नियम को पूरे देश के नेशनल हाईवे का नियम बताकर फैलाना गलत है.
सावधान रहें, गुमराह न हों
इस मामले से यह साफ हो जाता है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाली हर चीज़ सच नहीं होती.
- नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर: NHAI दोपहिया वाहनों से कोई टोल टैक्स नहीं लेता है.
- स्टेट एक्सप्रेसवे पर: कुछ राज्य सरकारें या उनकी एजेंसियां अपने नियमों के तहत टोल वसूल सकती हैं, जैसा कि यमुना एक्सप्रेसवे के मामले में है.
इसलिए, अगली बार जब भी आपके पास ऐसी कोई खबर आए, तो उस पर आंख मूंदकर भरोसा न करें. किसी भी जानकारी को आगे भेजने से पहले उसकी सच्चाई ज़रूर परख लें. आप चाहें तो PIB Fact Check जैसे आधिकारिक स्रोतों से जानकारी की पुष्टि कर सकते हैं. सतर्क रहें और भ्रामक सूचनाओं को फैलने से रोकें.













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