UP में भीषण गर्मी का कहर! चुनाव प्रचार पर पड़ा असर, लू के थपेड़ों के बीच प्रत्याशी हुए बेहाल, नेताओं ने बदला अंदाज

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. जिसका असर चुनाव प्रचार पर दिखाई दे रहा है. अधिकांश उम्मीदवार बड़ी रैलियों से बच रहे हैं और घर-घर जाकर प्रचार करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

(Photo : X)

लखनऊ, 24 अप्रैल : उत्तर प्रदेश के कई शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. जिसका असर चुनाव प्रचार पर दिखाई दे रहा है. अधिकांश उम्मीदवार बड़ी रैलियों से बच रहे हैं और घर-घर जाकर प्रचार करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. जहां कुछ इलाकों में मंगलवार देर शाम हुई बारिश से हल्की राहत मिली, वहीं बुंदेलखंड क्षेत्र जैसे अन्य इलाके गर्मी की लहर से जूझ रहे हैं.

बांदा जिले के एक उम्मीदवार ने कहा, "मैं मतदाताओं के घर-घर जा रहा हूं. भीषण गर्मी के कारण मेरी पार्टी के कई कार्यकर्ता पहले ही बीमार पड़ गए हैं." 42 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ मंगलवार को बुलंदशहर राज्य में सबसे गर्म दिन रहा. इसके बाद प्रयागराज में 41.6 डिग्री सेल्सियस, बस्ती में 41 डिग्री सेल्सियस, वाराणसी में 40.9 डिग्री सेल्सियस, सुल्तानपुर और आगरा में 40.8 डिग्री सेल्सियस और झांसी में 40.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा. यह भी पढ़ें : Bihar: मनोज कुमार झा का पीएम पर तंज,कहा-तीसरे चरण में वे महंगाई,रोजगार पर बात करे,ऐसी बातें न करें , जिससे देश का दिल टूटता है -Video

गोरखपुर में सुबह के समय भीषण गर्मी का असर स्कूली बच्चों पर पड़ा. सुबह 11:00 बजे तक पारा 41.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था, जो दोपहर तक लगभग 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. वहीं लखनऊ में मंगलवार को अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. राज्य मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को पूर्वी यूपी, गुरुवार और शुक्रवार को राज्य के अधिकांश हिस्सों में लू की चेतावनी जारी की है. इस दौरान राज्य के कई हिस्सों में शुष्क गर्म हवाएं भी चलेंगी.

राज्य मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में पूर्वी यूपी में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश और राज्य के कई हिस्सों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के लिए जिम्मेदार चक्रवाती परिसंचरण अब खत्म हो गया है. इसलिए, आने वाले दिनों में आसमान साफ रहेगा, जिस वजह से तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होगी. इसके अलावा, राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों से आने वाली शुष्क गर्म हवाएं राज्य में कहर बरपा रही हैं. इन सभी कारकों से हीटवेव पैदा होने की आशंका है."

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