पश्चिम बंगाल के एक सरकारी स्कूल में बच्चों से टेस्ट में ऐसा सवाल पूछा गया जिससे बवाल मच गया. स्कूल में जय श्री राम के जप के "हानिकारक प्रभावों" को विस्तार से पूछा और राज्य सरकार द्वारा कटे हुए पैसे वापस करने के लिए उठाए गए "साहसिक कदम" इन दोनों विषयों में से किसी एक विषय पर 150 शब्दों में निबंध लिखने को कहा गया. हालांकि इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई थी, लेकिन जिस स्कूल ने छात्रों से परीक्षा के लिए ये सवाल पूछे थे, उसे दबाव में आकर इस सवाल को रद्द करना पड़ा. हुगली जिले के अचना हाई स्कूल ने अपने छात्रों को परीक्षा पत्र में दो विवादास्पद प्रश्न दिए, जिसमें पहला "जय श्री राम के जप के हानिकारक प्रभावों पर विस्तृत चर्चा करें और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पैसे वापस करने के लिए उठाए गए साहसिक कदम पर विस्तार से बताएं" ये दोनों प्रश्न ऑप्शन में थे, छात्रों को उनमें से एक का उत्तर देना था और प्रश्न अनिवार्य था और इसके लिए 5 अंक दिए गए थे.
इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई थी, लेकिन स्कूल को क्वेस्चन पेपर के सवाल बदलने पड़े और सभी छात्रों को पूरे 5 अंक देने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस सवाल पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और इस मामले को ऊपर तक पहुंचाया.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जय श्री राम के मंत्रों के खिलाफ मुखर विरोध करते हुए, अक्सर लोगों के साथ बहस करते और उन पर भड़काऊ टिप्पणियां करते हुए देखा जाता है. राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कैडर द्वारा अक्सर मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. ये विषय पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच एक राजनीतिक झगड़े का केंद्र बन गया है. राज्य में टीएमसी सत्तारूढ़ सरकार है, जबकि भाजपा धीरे-धीरे राज्य में अपना प्रभाव बढ़ा रही है जिसने ऐतिहासिक रूप से वामपंथी और केंद्र-वामपंथी दलों के साथ साझेदारी की है.