भोपाल, 10 दिसंबर : देश में बाघ (Tiger) संरक्षण कार्यक्रम के तहत मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से ओडिशा (Odisha) भेजी गई मादा बाघ 'सुंदरी' को राज्य में वापस लाने की कवायद तेज हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Shivraj Singh Chauhan) ने इस संदर्भ में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को खत भी लिखा है. ज्ञात हो कि राज्य से बाघ संरक्षण कार्यक्रम के तहत बाघ पुर्नस्थापना के लिए बाघ का एक जोड़ा वर्ष 2018 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं ओडिशा सरकार के अनुरोध पर ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व भेजा गया था. इसमें से बाघ की कुछ समय बाद मौत हो गई. मादा बाघा सुंदरी के जनहानि किए जाने के चलते उसे नवंबर-2018 से बाड़े में रखा जा रहा है. अब वह नैसर्गिक व्यवहार नहीं कर रही है.
मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश की बाघिन सुंदरी को वापस प्रदेश लाने के तारतम्य में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक(Naveen Patnaik) से अनुरोध किया है कि जब तक बाघिन कान्हा टाइगर रिजर्व के घोरेला केन्द्र में वापस नहीं लाई जाती, तब तक सुंदरी बाघिन की पर्याप्त देखभाल और उसे अनुकूल वातावरण प्रदान किये जाने के संबंध में निर्देश दें.
मुख्यमंत्री चौहान ने मीडिया रिपोर्टस का हवाला देते हुए कहा है कि सतकोसिया टाइगर रिजर्व में सुंदरी बाघिन का रख-रखाव वन्य-जीव अधिनियम के मानकों के अनुरूप नहीं है. इसके कारण वह नैसर्गिक व्यवहार प्रदर्शित नहीं कर पा रही है.
मुख्यमंत्री चौहान ने अपने पत्र में कहा है कि ओडिशा सरकार के अनुरोध पर मध्य प्रदेश से विशेषज्ञ दल भेजकर बाघिन को पुन: राज्य में लाकर मुक्त किये जाने की संभावनाओं पर विचार किया गया था, किन्तु विशेषज्ञ दल ने पाया कि लम्बी अवधि तक बाड़े में रहने और निरंतर मानव की उपस्थिति की आदी होने के फलस्वरूप खुले वन क्षेत्र में मुक्त करने पर बाघिन और नागरिकों दोनों की सुरक्षा को खतरा होना संभावित है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर पार्टी आक्रामक, अनुराग ठाकुर और शिवराज सिंह चौहान ने ममता सरकार पर बोला हमला
मुख्यमंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री पटनायक से अनुरोध किया है कि मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व के घोरेला केन्द्र में सुंदरी बाघिन को वापस रखने की परिस्थितियां निर्मित होने तक उसकी पर्याप्त देखभाल एवं अनुकूल वातावरण प्रदान किये जाने के बारे में संबंधितों को निर्देश देने का अनुरोध करें.