1 अप्रैल से महंगी हो जाएंगी 800 से ज़्यादा दवाएं, कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा, जानें क्या कहा?
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दवाओं की कीमतो में बढ़ोतरी की खबर आने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला करने का मौका दोनों हाथो से लपकते हुए. सोशल मीडिया पर आज तक कि एक रिपोर्ट्स शेयर करते हुए कहा है कि जनता पर ‘महंगाई मैन मोदी’ का चाबुक फिर चला है. 1 अप्रैल से 800 से ज़्यादा दवाएं महंगी हो जाएंगी. इन दवाओं की कीमतों में क़रीब 12% की वृद्धि होगी. भीषण महंगाई के बीच महंगा इलाज और महंगी दवाई आम आदमी पर दोहरी मार है. मुख्य रूप से पेनकिलर, एंटीबायोटिक और एंटी-इंफेक्शन की दवाएं महंगी होगी. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) में सरकार ने कई बदलाव किए हैं. सरकार ने राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची (NLEM) में 0.0055 प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है. कुछ दिनों में कीमत में बढ़ोतरी हुई है. 2022 में दवाओं की कीमत 12 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. यह भी पढ़ें: पीएम मोदी आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर, मेरठ से करेंगे चुनावी शंखनाद, RLD चीफ जयंत चौधरी भी साथ में रहेंगे मौजूद

पिछले कुछ वर्षों में कुछ प्रमुख सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्रियों की कीमतें 15% से 130% के बीच बढ़ी हैं, जिसमें पेरासिटामोल की कीमत 130% और एक्सीसिएंट्स की कीमत 18-262% बढ़ी है. ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल, सिरप, सहित सॉल्वैंट्स क्रमशः 263% और 83% महंगे हो गए हैं. इंटरमीडिएट्स की कीमतें भी 11% से 175% के बीच बढ़ी हैं. पेनिसिलिन जी 175% महंगा हो गया है.

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इससे पहले, 1,000 से अधिक भारतीय दवा निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक लॉबी समूह ने भी सरकार से तत्काल प्रभाव से सभी निर्धारित फॉर्मूलेशन की कीमतों में 10% की वृद्धि करने की अनुमति देने का आग्रह किया था. इसने गैर-अनुसूचित दवाओं की कीमतों में 20% की बढ़ोतरी की भी मांग की थी.