मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के ग्रामीण इलाकों में पहली से चौथी और शहरी इलाकों में पहली से सातवीं तक की कक्षाओं को विद्यालय परिसर में फिर से बहाल करने से पहले कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार में शिक्षकों और विद्यालय कर्मचारियों का पूर्ण रूप से टीकाकरण होने समेत कई दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है. कोरोना का नया स्वरूप: स्कूलों को बंद रखने के बजाए सुविचारित योजना जरूरी: विशेषज्ञों की राय
राज्य में प्राथमिक विद्यालय परिसर में व्यक्तिगत कक्षाएं महामारी के मार्च, 2020 में दस्तक देने के बाद से ही बंद हैं. राज्य स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने सभी जिलों और निकायों के स्वास्थ्य अधिकारियों को लिखे पत्र में विद्यालयों में कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार में छह फुट की सामाजिक दूरी, अनिवार्य तौर पर मास्क पहनना और हाथ धोने जैसे नियमों का पालन होना अनिवार्य किया है.
दिशानिर्देश में कहा गया है कि विद्यार्थियों को हाथ धोने, मुंह और नाक को छींकते या खांसते समय रूमाल या टिशू पेपर से ढंकने के बारे में बताना चाहिए.
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— Abdulkadir/ अब्दुलकादिर (@KadirBhaidc) November 29, 2021
दिशानिर्देश में कहा गया कि विद्यालयों में मास्क और सैनिटाइजर की पर्याप्त खेप मौजूद होनी चाहिए. वहीं यह भी कहा गया कि अगर किसी विद्यार्थी में संक्रमण के लक्षण दिखें तो उसके साथ भेदभाव न किया जाए और तत्काल उसके अभिभावक को सूचना दी जाए तथा इस बीच उसे एक अलग कमरे में बैठाया जाना चाहिए.
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को ग्रामीण इलाकों में पहली से चौथी और शहरी इलाकों में पहली से सातवीं तक की कक्षाओं को एक दिसंबर से विद्यालय परिसर में फिर से खोलने का निर्णय लिया था.
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