NEET/JEE Exams 2020: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने नीट और जेईई परीक्षा टालने का समर्थन किया, केंद्र सरकार से कही ये बात

आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) परीक्षा की तारीख विवादों में आ गई है. दरअसल छात्रों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वर्तमान हालात परीक्षा आयोजित करने जैसे नहीं है.

कांग्रेस नेता शशि थरूर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) परीक्षा की तारीख विवादों में आ गई है. दरअसल छात्रों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वर्तमान हालात परीक्षा आयोजित करने जैसे नहीं है. छात्रों का समर्थन करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने भी जेईई और नीट की परीक्षा स्थगित करने की मांग केंद्र सरकार से की है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने रविवार रात ट्वीट कर कहा “मैं इन (जेईई और नीट) परीक्षाओं को स्थगित करने के अनुरोध का समर्थन करता हूं, जब तक कि यह सुरक्षित और व्यावहारिक नहीं हो जाता है. मुझे उम्मीद है कि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सुन रहे होंगे!” राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी (एनटीए) की सार्वजनिक नोटिस के अनुसार जेईई (मुख्य) अप्रैल, 2020 की परीक्षा 1-6 सितंबर तक और नीट-यूजी की परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित होगी. JEE Main, NEET 2020 Exam Update: जेईई और नीट 2020 की परीक्षाएं हुई स्थगित, पढ़ें क्या है नया डेट

उल्लेखनीय है कि देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर सितंबर में प्रस्तावित जेईई (मुख्य) अप्रैल, 2020 और नीट-स्नातक परीक्षा टालने की मांग की गई है. इसी महीने 11 राज्यों के 11 छात्रों ने यह याचिका दायर की. याचिका में कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुये एनटीए की तीन जुलाई की नोटिस रद्द करने का अनुरोध किया गया है. साथ ही स्थिति सामान्य होने के बाद परीक्षाओं को आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या के बीच इन परीक्षाओं के लिये कुछ समय और इंतजार करना उचित होगा. छात्रों और उनके माता-पिता की जिंदगी सुरक्षित रखने के लिये कोविड-19 का संकट खत्म होने के बाद ये परीक्षायें आयोजित की जानी चाहिए. याचिका में बिहार, असम और पूर्वोत्तर राज्यों में आए बाढ़ का भी जिक्र किया गया है.

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