महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ ED ने जारी किया लुकआउट नोटिस, गिरफ्तारी की लटकी तलवार!
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Photo Credits: Twitter)

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की 100 करोड़ की वसूली मामले में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पैसों की वसूली मामले में देशमुख से पूछताछ के लिए पांच बार समन भेजा. समन के बाद एक बार भी अपना बयान दर्ज करने के लिए हाजिर नहीं होने पर ईडी में उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस (Lookout Notice) जारी किया गया है. नोटिस के बाद वे अब देश छोड़ कर नहीं जा सकेंगे, बल्कि इस नोटिस के बाद ईडी उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है.

इसके पहले दो सिंतबर गुरुवार को बॉम्बे हाकोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था, जिसमें उनके खिलाफ जारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को रद्द करने की मांग की गई थी. गुरुवार को जब मामला पहली बार सामने आया, तो न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे ने बिना कोई कारण बताए याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. यह भी पढ़े: Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के लिए दिए दस्तावेज, CBI ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ की वसूली के लिए पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. जिसके बाद महाराष्ट्र में बवाल मच गया. हालांकि खुद के खिलाफ यह आरोप लगाने के बाद वे इस आरोप से बचते हुए नजर आये. लेकिन गृहमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में देशमुख के खिलाफ केस दर्ज हुआ. मामले की जांच पहले सीबीआई के हाथों में सौंपी गई. इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल देशमुख के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू की.

देशमुख पैसों की वसूली का टारगेट पुलिस अधिकारी निरीक्षक सचिन वझे को दिया था. फिलहाल इस केस में सचिन वझे पुलिस सेवा से बर्खास्त हैं. उनके खिलाफ भी जांच चल रही हैं. वहीं केंद्रीय एजेंसी ने हाल ही में देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया है.