नई दिल्ली, 15 जून : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने लगभग 19 फर्जी भारतीय संस्थाओं का उपयोग करके 425 करोड़ रुपये धोखाधड़ी से भारत के बाहर भेजे थे. ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान विकास कालरा और सिद्धांत गुप्ता के रूप में हुई है. उन्हें 13 जून को गिरफ्तार किया गया था.
ईडी ने पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 19 संस्थाओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की, जिन्होंने अपनी मिंट स्ट्रीट, चेन्नई शाखा में खाते खोले और छह महीने की अवधि में हांगकांग और यूएई में विभिन्न संस्थाओं को 425 करोड़ रुपये भेजे. ईडी अधिकारी ने कहा, "सत्यापन पर, भारतीय संस्थाओं को अस्तित्वहीन पाया गया और वास्तविक लाभार्थी भारत के बाहर संस्थाओं के प्रमोटर निदेशक पाए गए. इस संबंध में, एक विकास कालरा ने हांगकांग में तीन संस्थाओं को शामिल किया था. जिनमें से वह एकमात्र निदेशक थे और उन्होंने इसका इस्तेमाल 18.95 करोड़ रुपये के शोधन के लिए किया था. इसी तरह, सिद्धांत गुप्ता ने हांगकांग में एक इकाई को शामिल किया था, जिसका उपयोग करके 2.5 करोड़ रुपये का शोधन किया गया." यह भी पढ़ें : राहुल से ईडी की पूछताछ: पुलिस ने 800 कांग्रेसी नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
दोनों आरोपियों को विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. ईडी के अधिकारी ने अदालत को बताया कि उनसे और पूछताछ की जरूरत नहीं है और अदालत से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों आरोपियों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. मामले में आगे की जांच जारी है.