Happy Easter 2020: आज यानी 12 अप्रैल को दुनिया भर में ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे (Easter Sunday) का त्योहार मना रहे हैं. माना जाता है कि गुड फ्राइडे (Good Friday) के दिन सूली पर चढ़ाए जाने के बाद तीसरे दिन यानी ईस्टर संडे को प्रभु यीशु (Prabhu Yeshu) दोबारा जीवित हो गए थे, इसलिए ईस्टर को ईसाई धर्म के लोग खुशी के पर्व के तौर पर धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन तमाम गिरिजाघरों (Church) को सजाया जाता है, मोमबत्तियां जलाई जाती हैं, बाइबल का पाठ किया जाता है और चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं. हालांकि हर साल दुनिया भर में धूमधाम से मनाया जाने वाले ईस्टर के त्योहार की रौनक इस साल कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते फीकी नजर आ रही है. लॉकडाउन (Lockdown) के चलते अधिकांश गिरिजाघरों को बंद रखा गया है, कुछ ऐसा ही नजारा मायानगरी मुंबई में भी देखने को मिला है.
कोविड-19 (COVID-19) के मद्देनजर देश में लॉकडाउन किया गया है, इसलिए ईस्टर के मौके पर मुंबई के चर्च बंद रखे गए हैं. मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल चर्च (St Michael's Church) को ईस्टर के मौके पर बंद रखा गया है, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते चर्च में सामूहिक समारोहों को निलंबित कर दिया है, लिहाजा कुछ लोग चर्च के बाहर ही प्रार्थना करते नजर आए.
सेंट माइकल चर्च के बाहर प्रार्थना करते लोग
Mumbai: St Michael's Church in Mahim area remains closed on #Easter today, as mass gatherings have been suspended at the Church in view of #Coronavirus. pic.twitter.com/tfl15IrEa0
— ANI (@ANI) April 12, 2020
वहीं दूसरी तरफ मुबंई के बांद्रा में स्थित बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ द माउंट (Basilica Of Our Lady of The Mount) यानी माउंट मेरी चर्च को भी बंद रखा गया है. कोरोना वायरस महामारी के चलते जारी लॉकडाउन की वजह से यहां भी सामूहिक समारोहों को निलंबित कर दिया गया है. माउंट मेरी चर्च के बाहर ईस्टर के शुभ मौके पर कुछ लोग प्रार्थना करते नजर आए. यह भी पढ़ें: Easter 2020: क्यों और कैसे मनाया जाता है ईस्टर? जानें इस दिन अंडों का होता है क्या महत्व
माउंट मेरी चर्च के बाहर प्रार्थना करते लोग
Mumbai: 'Basilica Of Our Lady of The Mount' in Bandra remains closed on #Easter today. Mass gatherings have been suspended here in view of #CoronavirusPandemic. pic.twitter.com/1OKp0r4YWo
— ANI (@ANI) April 12, 2020
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु को यरुशलम की पहाड़ियों पर सूली पर लटका दिया गया था, लेकिन उससे पहले उन्हें कई तरह की शारीरिक यातनाएं दी गई थीं, इसलिए गुड फ्राइडे को ईसा मसीह के बलिदान दिवस के तौर पर शोक के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि सूली पर लटकाए जाने के बाद तीसरे दिन यानी ईस्टर संडे को वे दोबारा जीवित हो गए थे, इसलिए इस दिन को उनके लौटने की खुशी में धूमधाम से मनाया जाता है.