Easter 2020: क्यों और कैसे मनाया जाता है ईस्टर? जानें इस दिन अंडों का होता है क्या महत्व
हैप्पी ईस्टर 2020 (Photo Credits: File Photo)

Happy Easter 2020: ‘गुड फ्राइडे’ (Good Friday) के साथ ही क्रिश्चियन समाज ‘ईस्टर’ (Easter) की बेसब्री से प्रतीक्षा करने लगता है, क्योंकि गुड फ्राइडे के दिन जहां वे जीसस क्राइस्ट (Jesus Christ) (यीशु) के सूली पर लटकाए जाने के कारण गम में डूबे रहते हैं, वहीं ईस्टर पर यीशु के पुनर्जन्म की खबर उन्हें खुशी से आह्लादित कर देती है. इस दिन को क्रिश्चियन परिवार के लोग उत्सव के रूप में मनाते हैं. इस वर्ष 2020 में 12 अप्रैल रविवार के दिन ईस्टर पर्व मनाया जा रहा है. आइये जाने ईस्टर के पृष्ठभूमि की कहानी क्या है और आम ईसाई समाज इस पर्व को कैसे सेलीब्रेट करता है...

क्रिश्चियन समाज के अनुसार ‘ईस्टर’ का पर्व पास्का विषयक चंद्रमास के तीसरे रविवार को मनाया जाता है. इस बार यानी वर्ष 2020 में यह रविवार ग्रेगोरियन कैलेंडर की तिथि अनुसार 12 अप्रैल को पड़ रहा है. रविवार का दिन दुनिया भर में अवकाश का दिन होता है इस कारण इस त्यौहार का उल्लास देखते ही बनता है. भारत में भी कुछ राज्यों में ईसा के अनुयायियों की तादाद काफी अच्छी है, जिस कारण इन राज्यों में ईस्टर रविवार का दिन काफी बड़े स्तर पर मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Happy Easter 2020 Messages: ईस्टर पर इन प्यारे हिंदी Facebook Greetings, GIF Wishes, WhatsApp Status, HD Images, Wallpapers, SMS और Quotes के जरिए प्रियजनों को दें शुभकामनाएं

क्यों मनाते हैं ईस्टर पर्व

ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हजारों साल पहले गुड फ्राइडे के दिन जीसस क्राइस्ट को सूली पर चढ़ाया गया था. लेकिन कहा जाता है कि इसके तीसरे दिन वे पुनर्जिवित हो गए थे. मान्यता है कि पुनर्जन्म के बाद ईसा मसीह करीब 40 दिन तक अपने शिष्यों के साथ रहे थे. इसके बाद वे हमेशा के लिए स्वर्ग चले गए थे, इसलिए ईस्टर पर्व का जश्न पूरे 40 दिन तक मनाया जाता है, लेकिन आधिकारिक तौर पर ईस्टर पर्व 50 दिनों तक चलता है. इस पर्व को ईसाई धर्म के लोग बड़ी धूम-धाम और उत्साह से मनाते हैं.

कैसे मनाते हैं ईस्टर

भिन्न-भिन्न क्षेत्रों और चर्चों में ईस्टर मनाने के तरीके में थोड़ी बहुत भिन्नता होती है. अमूमन इस दिन चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं. ईसाई धर्म के कई लोग अपने घरों को भी मोमबत्तियों से रौशन करते हैं. एवं इस दिन विशेष तौर पर बाइबल का पाठ किया जाता है. ईसाई समाज अपने मित्रों एवं सगे-संबंधियों को इस दिन भोजन अथवा डिनर के लिए आमंत्रित करते हैं. घर आये अतिथियों को उपहार अथवा पुष्प गुच्छ देकर उसका सम्मान करते हैं और प्रभु ईसा के बताये प्रेम, सत्य और क्षमा के मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं.

ईस्टर पर अंडे का महत्व

ईस्टर के इस त्योहार के अवसर पर अंडे का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन क्रिश्चियन समुदाय अंडों को खूबसूरती के साथ डेकोरेट कर अपने मित्रों एवं सगे संबंधियों को उपहार स्वरूप भेंट करते हैं. मान्यता है कि अंडे अच्छे दिनों की शुरुआत और नए जीवन का संदेश स्वरूप होते हैं. कहने का आशय यह कि जिस तरह से अंडे से एक नया जीव पैदा होता है, उसी तरह हमें भी सब कुछ भुलाकर नये जीवन की शुरुआत करनी चाहिए. यह भी पढ़ें: Happy Easter 2020 Wishes: इन शानदार हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Images, SMS, Quotes और Wallpapers को भेजकर अपनों से कहें हैप्पी ईस्टर

‘ईस्टर’ पर्व की मान्यताएं

ईस्टर का यह पर्व ईसा के पुनर्जीवित होने की खुशी तक ही सीमित नहीं होती, बल्कि जीवन में सुनहरे बदलाव का प्रतीक स्वरूप भी है. ईस्टर का पर्व हमें संदेश देता है कि इंसान के जीवन में दुःख के बाद सुखों का भी आगमन होता है, अतः जीवन में आये दुःखों से टूटना अथवा निराश नहीं होना चाहिए. जिन लोगों ने ईसा को सूली पर चढ़ाया था, ईश्वर उनके साथ भी पुत्रवत प्रेम रखते थे. उन्होंने ईश्वर से उन्हें क्षमा करने की प्रार्थना भी की थी. प्रभु ईसा के अनुयायी मानते हैं कि मानवता का उद्धार के लिए ही ईसा के रूप में ईश्वर ने अपने पुत्र को भेजा था. उन्होंने सदा दूसरों को क्षमा करने का संदेश दिया. उनके अनुयायी मानते हैं कि मसीह पर विश्वास करने वालों को प्रभु हर प्रकार की मुसीबतों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं.