चेन्नई: दक्षिण भारत और देश की सियासत में अहम भूमिका निभाने वाले तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि का मंगलवार शाम 6 बजकर 10 मिनट पर निधन हो गया. कावेरी अस्पताल ने डीएमके चीफ के निधन की पुष्टी कर दी है. अस्पताल के बयान के अनुसार, "बहुत ही दुख के साथ, हम हमारे प्यारे कलैगनार करुणानिधि की शाम छह बजकर बीस मिनट पर निधन की घोषणा करते हैं." बयान के अनुसार, "डॉक्टरों के एक समूह और नर्सों द्वारा पूरे प्रयास करने के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका."
आज दोपहर को अस्पताल ने एक बयान में कहा था, "करुणानिधि की तबीयत पिछले कुछ घंटों से लगातार बिगड़ती जा रही है. अधिकतम चिकित्सा सपोर्ट के बावजूद उनके महत्वपूर्ण अंग शिथिल होते जा रहे हैं. उनकी हालत अत्यंत नाजुक और अस्थिर है."
94 वर्षीय डीएमके प्रमुख को कावेरी अस्पताल में पहली बार 18 जुलाई को भर्ती कराया गया था. अस्पताल ने 26 जुलाई को कहा कि करुणानिधि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित थे और उनका लंबे समय से इलाज चल रहा था. डीएमके नेता की स्थिति 28 जुलाई को रक्तचाप में गिरावट से बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. वह तभी से अस्पताल में थे.
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के बाद करुणानिधि ही द्रविड़ आंदोलन के अंतिम प्रमुख नेता थे. 5 बार तमिलनाडु मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि का जन्म 3 जून 1924 को तिरुवरूर के तिरुकुवालाई में हुआ था. आइये जानते हैं उनसे जीवन से जुडी कुछ रोचक बातें.
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— ANI (@ANI) August 7, 2018
शुरूआती जीवन:
करूणानिधि का जन्म 3 जून 1924 को तिरुवरूर के तिरुकुवालाई में हुआ था. वे इसाई वेल्लालर समुदाय से संबंध रखते हैं. उन्होंने तमिल नाटक से लेकर फिल्मों की पटकथा लिखने का काम भी किया है. उन्होंने द्रविड़ आंदोलन के दौरान समाजवादी विचारों को बढ़ावा देने वाली कहानियां लिखी. 1950 के दशक में उनके दो नाटकों को प्रतिबंधित भी कर दिया गया था.
सियासत में एंट्री:
बताया जाता है कि 50 के दशक में दक्षिण भारत के कद्दावर नेता अन्नादुरई की अपील पर करुणानिधि ने राजनीति में एंट्री ली थी. समाज में फैले जातिवाद और धार्मिक रूढ़ीवाद के खिलाफ करुणानिधि हमेशा से सक्रीय रहे हैं. वे साल 1957 में पहली बार विधायक चुने गए थे. वह 12 बार विधायक चुने गए. करुणानिधि 1967 में पहली बार तमिलनाडू सरकार में मंत्री बने थे.
1969 में पहली बार मुख्यमंत्री बनें:
1969 में अन्नादुरई के निधन के बाद करुणानिधि पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठें. वह 5 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं. वह 2006 में आखरी बार सूबे के मुख्यमंत्री बने थे.