राम रहीम को मिली जमानत, लेकिन इस वजह से जेल से छूटना नामुमकिन
राम रहीम (Photo Credits: Twitter)

चंडीगढ़: बीस साल कैद की सजा भुगत रहे रेपिस्ट बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां को एक मामलें में शुक्रवार को थोड़ी राहत मिली. दरअसल राम रहीम को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने साधुओ को नपुंसक बनाने के मामले में जमानत दी है. लेकिन इसके बावजूद राम रहीम के जेल से निकलने की संभावना ना के बराबर ही है.

सीबीआई के विशेष जज जगदीप सिंह की सीबीआई अदालत ने नपुंसक बनाने के मामले में सुनवाई करते हुए राम रहीम को जमानत दी. फिलहाल डेरा प्रमुख के जेल से बाहर आने का कोई चांस नहीं है. क्योंकि उन्हें कैस्ट्रेशन केस में ज़मानत मिली है. रेप केस में उन्हें सजा भुगतनी पड़ेगी. राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सश्रम सजा दी गई है.

गत 1 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम व उनके दो अनुयायियों पर नपुंसक बनाने के एक मामले में पंचकूला की अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया था. यह आरोप-पत्र पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को जांच का निर्देश दिए जाने के करीब तीन साल बाद दाखिल किया गया.

यह भी पढ़े- राम रहीम को नहीं भा रहा रोहतक जेल, 1 साल में घटा 13 किलो वजन, चेहरे की चमक हुई फुर्र

अदालत ने राम रहीम के सिरसा के निकट स्थित डेरा परिसर में जबर्दस्ती नपुंसक बनाने की जांच के आदेश सीबीआई को दिए थे. डेरे के पूर्व अनुयायी हंसराज चौहान द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने पर यह आदेश दिया गया था. चौहान ने आरोप लगाया था कि डेरा प्रमुख के आदेश पर उनका बंध्याकरण किया गया. चौहान ने दावा किया है कि उनके साथ 400 अनुयायियों का बंध्याकरण डेरा परिसर में किया गया.

राम रहीम अपनी दो शिष्याओं से दुष्कर्म का दोषी करार दिए जाने के बाद रोहतक के सुनारिया जेल में 20 साल के कारावास की सजा काट रहा है. उनपर 30 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया गया. सजा सुनाए जाने पर हरियाणा के पंचकूला और सिरसा में हिंसा भड़क उठी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई और 260 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए. हिंसा की छिटफुट घटनाएं दिल्ली और पंजाब में भी हुई थीं. राम रहीम हत्या के दो अन्य मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है.