ट्रिपल तलाक विधेयक (Triple Talaq Bill) (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए विधेयक पर आज लोकसभा में चर्चा हो सकती है. इस चर्चा के लिए 27 दिसंबर की तारीख तय की गई थी. इससे पहले भी लोकसभा(Lok Sabha ) में यह विधेयक पहले ही पेश किया जा चुका है. सूत्रों की माने तो इस कांग्रेस बिल को स्टैंडिंग में भेजने का मांग भी कर सकती है. दरअसल, लोकसभा में पिछले हफ्ते जब मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए.
तीन तलाक को दंडात्मक अपराध घोषित करने वाला यह विधेयक गत 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था. यह तीन तलाक से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है. इस प्रस्तावित कानून के तहत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अमान्य होगा तथा इसके लिए तीन साल तक की सजा हो सकती है. कुछ दलों के विरोध के मद्देनजर सरकार ने जमानत के प्रावधान सहित कुछ संशोधनों को मंजूरी प्रदान की थी ताकि राजनीतिक दलों में विधेयक को लेकर स्वीकार्यकता बढ़ सके.
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Mallikarjun Kharge, Congress on discussion on #TripleTalaqbill in Lok Sabha today: We will take part in the discussion and keep forward our opinion. We will appeal to the govt that it should not interfere in a religious matter. pic.twitter.com/ThQ4U5fxz5
— ANI (@ANI) December 27, 2018
बता दें कि बीजेपी (BJP )और कांग्रेस (Congress) ने लोकसभा के अपने सदस्यों को व्हिप जारी किया है और चर्चा के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है. सरकार और विपक्ष पिछले हफ्ते मुस्लिम महिला (विवाह संरक्षण अधिकार) विधेयक 2018 पर चर्चा पर सहमत हुए थे, जिसे विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों और उनके पतियों द्वारा 'तलाक' बोलकर तलाक लेने पर रोक लगाने वाले पहले के जारी अध्यादेश से बदला जाएगा.
अध्यादेश सितंबर में लाया गया था, जिसके अंतर्गत त्वरित तीन तलाक को भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध माना गया था. सरकार इस विधेयक को पिछले हफ्ते पास कराना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा राफेल सौदे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच समेत अन्य मांगों की वजह से यह नहीं हो सका.