नई दिल्ली, 20 अप्रैल: दिल्ली की जेलों ने एक नया नियम पेश किया है. नये नियमें के अनुसार, कैदियों को विचाराधीन (अंडरट्रायल) कैदियों के रूप में बिताए गए समय के दौरान उनके अच्छे आचरण के आधार पर छूट दी जाएगी. एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. यह पहली बार है कि भारतीय दंड व्यवस्था में इस तरह का प्रावधान किया गया है और वर्तमान में, केवल सजायाफ्ता कैदी ही अपने व्यवहार के आधार पर छूट के पात्र थे. जेल अधिकारियों के अनुसार, यह नया नियम कैदियों को विचाराधीन कैदियों के रूप में उनके आचरण के आधार पर छूट के लिए विचार करने की अनुमति देगा. यह भी पढ़ें: West Bengal: अब कुंतल घोष ने पार्थ चटर्जी को न्यायिक हिरासत में अंगूठी पहनने पर उड़ाया उपहास
साल 2021 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल जेल आबादी के संबंध में विचाराधीन कैदियों का प्रतिशत लगभग 77 प्रतिशत था. एक वरिष्ठ अधिकारी नेहालाकि, उनके मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद ही उनकी सजा (बर्जुग) में छूट जोड़ी जाएगी. इस पहल का उद्देश्य कैदियों को उनके विचाराधीन समय के दौरान अच्छा आचरण प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करना है और उनकी सजा को कम करने का अवसर प्रदान करके पुनर्वास को प्रोत्साहित करना है.