Delhi Water Crisis: दिल्ली के लोगों को भीषण गर्मी के बीच पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है. आज तक न्यूज की खबर के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट इतना गहरा गया है कि 2 दिन से वजीराबाद प्लांट से एनडीएमसी (NDMC) को एक भी बूंद पानी नहीं मिला है. दिल्ली जल संकट पर एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि नई दिल्ली में तीन इलाके ऐसे हैं, जहां पानी की कमी है. हमें 125 एमएलडी पानी की जरूरत है, जबकि उपलब्ध पानी 80 एमएलडी है.
''हमने समय-समय पर दिल्ली जल बोर्ड को पत्र लिखे हैं. समय की मांग है कि उचित जल प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए. कुप्रबंधन के कारण दिल्ली के अन्य इलाकों में जो अराजकता जैसी स्थिति पैदा हुई है.
दिल्ली में जलसंकट से त्राही-त्राही
#WATCH | On Delhi water crisis, NDMC Vice Chairperson Satish Upadhyay says, "... There are three areas in New Delhi where there is water shortage... We require 125 MLD water whereas the available water is 80 MLD... We have written letters to the Delhi Jal Board from time to time.… pic.twitter.com/1Epif7VcUv
— ANI (@ANI) June 18, 2024
सतीश उपाध्याय ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार हमें पर्याप्त पानी नहीं दे रही है. वह कह रही है कि उन्हें स्रोत से पानी नहीं मिल रहा है. यह सरकार टैंकर माफिया, टेंडर माफिया और भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. इस सरकार के अधिकारियों पर टैंकर माफियाओं से हर महीने 60 लाख रुपये तक की रिश्वत लेने का आरोप है और उनके खिलाफ मामले चल रहे हैं. हर गर्मी के मौसम में पानी और बिजली की समस्या पैदा होती है. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि अगले सीजन के लिए तैयारी का प्रावधान पहले से करके रखे.
AAP सरकार में दिल्ली जल बोर्ड पर 73 हजार करोड़ के लोन
#WATCH दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज के बयान पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "सौरभ भारद्वाज अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। आम आदमी पार्टी को 600 करोड़ के फायदे पर दिल्ली जल बोर्ड मिला था और आज 73 हजार करोड़ के लोन पर है। इसकी जिम्मेदारी उन सब लोगों पर है… pic.twitter.com/u5IdANJuXI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2024
दिल्ली जल संकट पर भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) को 600 करोड़ के फायदे पर दिल्ली जल बोर्ड मिला था और आज 73 हजार करोड़ के लोन पर है. इसकी जिम्मेदारी उन सब लोगों पर है, जिन्होंने जल बोर्ड को संभाला है. पानी की चोरी, बर्बादी और कालाबाजारी इन लोगों का धंधा है.