नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में आने की बजाय संक्रमण से लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ऐसे में देश के डॉक्टर दिन रात कर अपनी जान की परवाह ना करते हुए अपनी सेवा दे रहे हैं. ताकि लोगों की जान बचाई जा सके. लेकिन देश में देखा जा रहा है कि लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टरों के साथ मारपीट होने के साथ ही उनके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. जिसकों लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने नाराजगी जाहिर की है. उनकी तरफ से चेतावनी दी गई है कि यदि सरकार जल्द से जल्द ऐसी घटनाओं को रोकने को लेकर कानून नही बनाती है तो आईएमए 23 अप्रैल को काला दिवस यानि की ब्लैक डे घोषित करने पर मजबूरो हो जाएगा.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से इसको लेकर एक बयान जारी करते हुए व्हाइट अलर्ट भी जारी किया है. उनकी तरफ से कहा गया है कि अगर सरकार व्हाइट अलर्ट के बाद भी डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हो रही हिंसा पर केंद्रीय कानून लागू करने में विफल रहती है, तो आईएमए 23 अप्रैल को 'काला दिवस' घोषित देश भर में मनाया जाएगा. यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश: COVID- से संक्रमित व्यक्ति को लेने पहुंची मेडिकल टीम पर मुरादाबाद में जानलेवा हमला, CM योगी ने कहा NSA के तहत की जाएगी कार्रवाई
If the govt fails to enact Central Law on violence against Doctors & Hospitals even after White Alert, IMA will declare Black Day on 23rd April. All doctors in the country will work with black badges: Indian Medical Association pic.twitter.com/9z1KAsflcO
— ANI (@ANI) April 20, 2020
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा व्हाइट अलर्ट भी जारी करने के बाद देश भर के सभी डॉक्टर और अस्पताल के लोग 22 अप्रैल को रात नौ बजे एक मोमबत्ती जलाकर अपना विरोध जाहिर करेंगे. इसके बाद भी सरकार उनकी बातों को नहीं मानती हैं तो मजबूर होकर 23 अप्रैल को ब्लैक डे मनाएंगे.