दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और वकीलों (Lawyers) के बीच जारी विवाद को लेकर गृह मंत्रालय (MHA) दायर याचिका पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में सुनवाई हुई. दरअसल, तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में पुलिस और वकीलों के बीच हुए टकराव के मामले में हाईकोर्ट के 2 नवंबर के आदेश पर गृह मंत्रालय ने याचिका दायर कर स्पष्टीकरण मांगा था. लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय की इस याचिका को खारिज कर दिया है. वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को झटका देते हुए कहा कि वकीलों के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी.
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट (Saket Court) वाली घटना पर वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी मांगी थी. लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की इस अर्जी को खारिज कर दिया है. यह भी पढ़ें- तीस हजारी कोर्ट हिंसा: 11 घंटे बाद दिल्ली के आंदोलनकारी पुलिसकर्मियों का धरना समाप्त, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने किया न्याय का वादा.
Delhi High Court also dismisses another application of Police seeking permission to lodge FIR against lawyers in Saket District Court incident https://t.co/0YdCuOiNsD
— ANI (@ANI) November 6, 2019
उधर, दिल्ली की सभी छह जिला अदालतों में वकीलों ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन काम ठप रखा. कुछ अदालतों में तो उन्होंने वादियों को परिसर के भीतर भी नहीं जाने दिया. तीस हजारी कोर्ट परिसर में दो नवंबर को वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प की घटना के विरोध में वकील प्रदर्शन कर रहे हैं और काम का बहिष्कार कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच तनाव के हालात शनिवार से बनने शुरू हो गए थे जब तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग को लेकर हुई झड़प में कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे. इसके बाद, सोमवार को साकेत कोर्ट के बाहर एक पुलिसकर्मी पर वकीलों के कथित हमले की घटना हुई. इन घटनाओं के विरोध में पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को प्रदर्शन किया था.