
नई दिल्ली: दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा तूफान आने वाला है! दिल्ली विधानसभा में आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम होने जा रहा है. रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के प्रदर्शन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 लंबित रिपोर्ट पेश करेगी. इन रिपोर्ट्स में ‘शीश महल’ और शराब घोटाले जैसे बड़े मुद्दों पर खुलासे होने की संभावना है, जिससे आम आदमी पार्टी (AAP) की पिछली सरकार के कामकाज पर गंभीर सवाल उठ सकते हैं.
दिल्ली की पिछली आप सरकार खजाना खाली छोड़कर गई है; मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता.
CAG की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की वित्तीय स्थिति, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे, परिवहन, वायु प्रदूषण और शराब नीति से जुड़े कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.
बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने इन रिपोर्ट्स को जानबूझकर रोक रखा था ताकि जनता को वित्तीय कुप्रबंधन और घोटालों की सच्चाई न पता चले. बीजेपी के विधायकों के अनुसार, ये रिपोर्ट्स लंबे समय से लंबित थीं, लेकिन अब नई सरकार इन्हें विधानसभा में पेश करेगी.
शीशमहल घोटाले पर हो सकता है बड़ा खुलासा
CAG रिपोर्ट में सबसे बड़ा सवाल पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के रेनोवेशन को लेकर उठ सकता है. बीजेपी ने इसे ‘शीश महल’ घोटाला करार दिया था. साल 2020 में 7.61 करोड़ रुपये से शुरू हुई मरम्मत की लागत 2022 तक 33.66 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. यानी खर्च 342 फीसदी बढ़ गया, जो संदेह के घेरे में है.
बीजेपी ने इसे जनता के पैसे का दुरुपयोग बताया है और आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
CAG रिपोर्ट में दिल्ली की विवादित शराब नीति को लेकर भी खुलासे हो सकते हैं. बीजेपी का दावा है कि AAP सरकार ने शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए नीति में बदलाव किए. इससे दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ. इस मुद्दे पर ईडी और सीबीआई की जांच पहले से चल रही है, जिसमें कई AAP नेताओं के नाम सामने आए थे.
CAG रिपोर्ट पेश करने में देरी क्यों हुई?
बीजेपी का आरोप है कि AAP सरकार ने इन रिपोर्ट्स को दबाने की कोशिश की ताकि भ्रष्टाचार की पोल न खुले. 500 से ज्यादा दिनों से कुछ रिपोर्ट्स लंबित थीं. सबसे पुरानी रिपोर्ट मार्च 2022 की है, जो अगस्त 2023 में पेश होनी थी.