नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की हवा अभी भी जहरीली बनी हुई है. मंगलवार 12 नवंबर को दिल्ली के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के ऊपर बना रहा, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है. दिल्ली में सुबह धुंध की वजह से दृश्यता में गिरावट दर्ज की गई. फिलहाल दिल्ली की हवा साफ होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. बात करें मुंबई की तो यहां भी स्मॉग ने शहर को अपनी चपेट में लिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 335 और मुंबई का 147 दर्ज किया गया. लेकिन दिल्ली के कई इलाकों में ये स्थिति गंभीर थी.
Delhi Air Pollution: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों को हो रही पाचन संबंधी समस्या.
जहांगीरपुरी इलाके में AQI 418 तक पहुंच गया, जो कि बहुत ही खतरनाक स्थिति मानी जाती है. इसके अलावा, आनंद विहार और रोहिणी जैसे इलाकों में भी AQI 400 से ऊपर यानी 'गंभीर' श्रेणी में AQI बना रहा. इससे पहले सोमवार शाम 4 बजे दिल्ली का AQI 352 (बहुत खराब) और मुंबई का 152 था.
आनंद विहार में स्थिति गंभीर
#WATCH | Delhi: The Air Quality Index (AQI) in the Anand Vihar area dips into the 'Severe' category as per the Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/aCUbCcizDC
— ANI (@ANI) November 12, 2024
दिल्ली की हवा बनी हुई है जहरीली
#WATCH | Delhi: A layer of smog engulfs the area surrounding Kartavya Path as the Air Quality Index (AQI) across Delhi continues to be in 'Very Poor' category in several areas as per the Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/fcbHiSO5ux
— ANI (@ANI) November 12, 2024
दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों का AQI
- वजीरपुर: 424
- जाहांगीरपुरी: 418
- रोहिणी: 415
- आनंद विहार: 404
- बवाना: 393
- विवेक विहार: 385
- पंजाबी बाग: 382
- बुरारी: 374
- आर के पुरम: 366
- नरेला: 356
- ओखला: 354
मुंबई में भी स्मॉग की चादर
#WATCH | Mumbai woke up this morning to a layer of haze lingering in the air.
(Visuals from Marine Drive) pic.twitter.com/VC3cxTsTkY
— ANI (@ANI) November 12, 2024
क्या है स्मॉग का कारण?
दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत होते ही स्मॉग बढ़ने लगता है. ठंड के कारण हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे प्रदूषित कण वायुमंडल में जमा हो जाते हैं. पराली जलाने, वाहनों का उत्सर्जन, औद्योगिक प्रदूषण और निर्माण गतिविधियां इस प्रदूषण को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं.