नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के गंभीर स्तर के चलते सरकार ने कई कदम उठाए हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि देश की राजधानी में में 21 नवंबर तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध रहेगा, साथ ही सरकारी विभागों में 100 फीसदी वर्क फ्रॉम होम लागू होगा. इसके साथ ही दिल्ली में जरूरी सेवाओं के अलावा अन्य ट्रकों की एंट्री बैन कर दी गई है. दिल्ली में 1000 CNG प्राइवेट बसों को गुरुवार से हायर किया जाएगा. Air Pollution: मुंबई की हवा भी हुई खतरनाक, एयर क्वालिटी ने बढ़ाई चिंता- साउथ मुंबई में हालात सबसे खराब.
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए बुधवार को 10 निर्देश जारी किए, जिसमें गैर-जरूरी सामान लाने वाले ट्रकों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर रोक तथा अगले आदेश तक स्कूलों एवं कॉलेजों को बंद करना शामिल है.
इस बीच खेतों में पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन में कमी की वजह से हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है. दिल्ली सरकार ने इससे पहले सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों को रविवार तक बंद करने की घोषणा की थी और निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों पर 17 नवंबर तक प्रतिबंध लगाया था.
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ, 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 375 दर्ज किया गया जो एक दिन पहले 403 था. प्राधिकारियों ने हालांकि कहा कि रविवार तक कोई बड़ा सुधार होने की उम्मीद नहीं है.
फरीदाबाद (378), गाजियाबाद (361), ग्रेटर नोएडा (362), गुरुग्राम (344) और नोएडा (356) ने भी अपनी वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि राजधानी में न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम का अब तक का सबसे कम तापमान है. अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
आईएमडी के विवेक सोनी ने मंगलवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को बताया था कि बुधवार से रविवार के बीच कम तापमान और धीमी वायु स्थिति के कारण ‘लोअर वेंटिलेशन इंडेक्स’ का अनुमान है, जो प्रदूषकों के फैलाव के लिए प्रतिकूल है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र ‘सफर’ ने बताया कि अगले दो दिन के दौरान वायु गुणवत्ता यही रहने की उम्मीद है. गोपाल राय के अनुसार, दिल्ली मेट्रो और दिल्ली परिवहन निगम ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को पत्र लिखकर लोगों को मेट्रो ट्रेनों और सार्वजनिक वाहनों में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति देने के लिए कहा है.
परिवहन विभाग ने यातायात पुलिस को सड़कों पर चलने से रोकने के लिए डीजल और पेट्रोल चालित ऐसे वाहनों की सूची उपलब्ध कराई है जो क्रमश: 10 वर्ष और 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं. मंत्री ने कहा कि यातायात पुलिस को जाम की निगरानी के लिए एक विशेष कार्यबल बनाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्रों की जांच के लिए अभियान तेज किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘दमकल की मशीनें दिल्ली में अधिक प्रदूषित 13 स्थानों पर पानी का छिड़काव करेंगी जो इस उद्देश्य के लिए शहर में पहले से तैनात 372 टैंकरों के अलावा होंगी.’’ उच्चतम न्यायालय में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई से पहले, सीएक्यूएम ने मंगलवार देर रात निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे, केवल ऑनलाइन शिक्षा की अनुमति होगी.
इसने यह भी कहा कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 ताप विद्युत संयंत्रों में से केवल पांच ही 30 नवंबर तक चालू रहेंगे. आयोग ने दिल्ली और एनसीआर में आने वाले राज्यों को 21 नवंबर तक क्षेत्र में ‘सीएंडडी’ अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और धूल नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के साथ ‘‘रेलवे सेवाओं या रेलवे स्टेशनों, मेट्रो रेल निगम सेवाओं, स्टेशनों, हवाई अड्डों और अंतर-राज्यीय बस टर्मिनलों (आईएसबीटीएस) सहित और राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा रक्षा संबंधी गतिविधियों अथवा राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं’’ को छोड़कर निर्माण और तोड़-फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया है.
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए गैरजरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों का प्रवेश रविवार तक दिल्ली में प्रतिबंधित कर दिया गया है. एनसीआर में आने वाले राज्यों की सरकारों को रविवार तक अपने कर्मचारियों को कार्यालयों में कम से कम 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ घर से काम करने की अनुमति देने और निजी प्रतिष्ठानों को इस नियम का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है.
आयोग ने कहा, ‘‘एनसीआर में अब भी गैरस्वीकृत ईंधन का उपयोग करने वाले सभी उद्योगों को संबंधित सरकारें तत्काल प्रभाव से बंद करेंगी... एनसीआर के राज्य और जीएनसीटीडी आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल जेनरेट के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाएंगे.’’उसने दिल्ली सरकार को जल्द से जल्द पर्याप्त संख्या में सीएनजी बसों को खरीदने और उन्हें सड़कों पर उतारने का निर्देश दिया.