नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर डीपफेक के खतरे को भांपते हुए केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. इस पर लगाम लगाने के लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे. ताजा घटनाक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कहा कि ऐसी सामग्री की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. सोशल मीडिया कंपनियों से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि डीपफेक कंटेंट के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) एक वेबसाइट विकसित करेगा, जिस पर उपयोगकर्ता आईटी नियम के उल्लंघन के बारे में अपनी चिंताओं को बता सकते हैं. अपना ‘डीपफेक’ वीडियो देख हैरान रह गए थे पीएम मोदी, कहा- AI का ऐसा इस्तेमाल चिंताजनक.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एमईआईटीवाई उपयोगकर्ताओं को आईटी नियमों के उल्लंघन के बारे में सूचित करने और एफआईआर दर्ज करने में सहायता करेगा." मंत्री ने कहा कि पोस्ट शेयर करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और अगर वे यह खुलासा करते हैं कि पोस्ट कहां से आई है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा, जिसने सामग्री पोस्ट की है.
डीपफेक को लेकर सख्त नियम
#WATCH | On Deep fake issue, MoS Electronics & Technology Rajeev Chandrasekhar says, "The Rule Seven officer will also be a person who will create a platform where it will be very easy for citizens to bring to the attention of the Government of India their notices or allegations… pic.twitter.com/AHiATR6DD4
— ANI (@ANI) November 24, 2023
केंद्रीय मंत्री ने बता कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी उपयोग की शर्तों को आईटी नियमों के अनुरूप करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है. उन्होंने कहा, "आज से, आईटी नियमों के उल्लंघन के प्रति जीरो टॉलरेंस है." मंत्री ने कहा कि सरकार डिजिटल क्षेत्र में भारतीयों के लिए सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. डीपफेक के निर्माण और प्रसार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल की जेल की कड़ी सजा का प्रावधान है.
चन्द्रशेखर ने कहा था कि गलत सूचना के प्रसार को रोकना ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का एक "कानूनी दायित्व" है. बयान में कहा गया है, "ऐसी किसी भी सामग्री की रिपोर्ट किए जाने पर उसे ऐसी रिपोर्टिंग के 36 घंटों के भीतर हटा दें और आईटी नियम 2021 के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करें."