बंगाल की खाड़ी एक बार फिर तेज चक्रवाती हलचल का केंद्र बन गई है. मलक्का जलडमरूमध्य और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना लो-प्रेशर एरिया लगातार मजबूत हो रहा है और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का अनुमान है कि यह 26 नवंबर के आसपास चक्रवात का रूप ले सकता है. अगर इसका नामकरण हुआ, तो इसे ‘सेन्यार’ (Senyar) कहा जाएगा. जिसका मतलब है 'शेर'. यह नाम संयुक्त अरब अमीरात द्वारा सुझाया गया है.
उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में बनने वाले चक्रवातों के नाम RSMC New Delhi (IMD) द्वारा तय किए जाते हैं, जो WMO और UN-ESCAP की देखरेख में काम करता है. हर सदस्य देश अपनी ओर से नामों की सूची देता है, और उसी क्रम में चक्रवातों का नाम रखा जाता है.
लैंडफॉल कब और कहां? अभी साफ नहीं
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी चक्रवात की ट्रैक यानी दिशा को लेकर पूरी भविष्यवाणी संभव नहीं है. इसके तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ने या उत्तर की ओर मुड़कर ओडिशा-बांग्लादेश की ओर जाने की संभावना बनी हुई है. सिस्टम के चक्रवात बनने के बाद ही स्पष्ट तस्वीर मिल सकेगी.
फिलहाल पूर्वी तटीय राज्यों को अलर्ट पर रहने की सलाह दी गई है.
अंडमान-निकोबार में तेज बारिश की चेतावनी
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह पर इस सिस्टम का पहला असर देखने को मिलेगा. यहां 24 और 25 नवंबर को भारी से बहुत भारी बारिश (105–204 मिमी) का अनुमान है. हवाएं 35–45 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेंगी. झोंके 55 किमी/घंटा तक पहुंच सकते हैं. 25 नवंबर को हवा की गति और बढ़कर 65 किमी/घंटा तक हो सकती है.
IMD के मुताबिक, “23 से 28 नवंबर तक अंडमान-निकोबार में भारी बारिश, 23–25 नवंबर को तमिलनाडु, केरल, महे में भारी बारिश, 23–24 नवंबर को आंध्र प्रदेश–यानम और लक्षद्वीप में बारिश की संभावना है.”
तमिलनाडु और चेन्नई में क्या स्थिति?
लगातार भारी बारिश के कारण तमिलनाडु के कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है. चेन्नई सहित विभिन्न हिस्सों में बादल छाए हुए हैं और कई जगह बिजली-गर्जना के साथ बारिश हो रही है.
IMD ने कहा है, कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, तेनकासी, थूथुकुडी, रामनाथपुरम, विरुद्धनगर, पुदुकोट्टई, तंजावुर, तिरुवारूर, नागपट्टिनम और मयिलाडुतुरई में भारी बारिश की आशंका है.
पुडुचेरी और कराईकल में भी कई स्थानों पर बारिश होगी.
तटीय राज्यों को सतर्क रहने की सलाह
अभी भले ही चक्रवात पूरी तरह बने नहीं हुआ है, लेकिन जैसे-जैसे लो-प्रेशर सिस्टम मजबूत हो रहा है, उसके प्रभाव स्पष्ट दिखने लगे हैं. तेज हवाएं, भारी बारिश और समुद्र में ऊंची लहरें. अधिकारियों ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है और लोगों से अपील की है कि वे IMD के आधिकारिक अपडेट पर नजर रखें.













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