यूपी में महिला को साइबर ठगों ने 'मॉफ्र्ड' तस्वीरों से किया परेशान
प्राथमिकी दर्ज (File Photo)

लखनऊ, 4 जुलाई : शहर में एक हफ्ते से भी कम समय में ऐप के जरिए कर्ज देने के एक अन्य मामले में एक महिला को कर्ज के नाम पर 5,000 रुपये देने को कहा गया, जिसके लिए उसने कभी आवेदन ही नहीं किया. फर्म के प्रतिनिधियों ने उसकी मॉफ्र्ड अश्लील तस्वीरें भी प्रसारित कीं. एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाली 36 वर्षीय महिला ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है. उसने कहा कि उसने अनजाने में एक लिंक पर क्लिक कर दिया जो उसे व्हाट्सएप पर मिला था.

लिंक ने उसे एक मोबाइल ऐप, फोकस लोन पर पुनर्निर्देशित किया, जिसने तत्काल ऋण देने का दावा किया. उसने कहा कि ऐप उसके फोन पर डाउनलोड हो गया और उसके विवरण का उल्लेख किया. हालांकि उसने किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया या ऋण के लिए आवेदन नहीं किया, उसके बैंक खाते में 2,700 रुपये जमा किए गए थे. बाद में 14 जून को उसने पाया कि उसके खाते में 5,000 रुपये का ऋण दिखाया गया है.

शिकायतकर्ता ने कहा, "गलती को भांपते हुए मैंने तुरंत 2,700 रुपये उस खाते में स्थानांतरित कर दिए, जिससे पैसे मेरे खाते में जमा किए गए थे. हालांकि, मेरे खाते में 2,300 रुपये का ऋण अभी भी दिखा और मुझे भुगतान के लिए संदेश मिलने लगे. मैंने 18 जून को फिर से 2,300 रुपये का भुगतान किया. यह सोचकर कि ऋण बंद हो जाएगा." यह भी पढ़ें : Karnataka: महिला साइकिल चालकों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले बाइकर की तलाश जारी

उन्होंने कहा, "हालांकि, बदमाशों ने मुझे अश्लील संदेश भेजना शुरू कर दिया. उन्होंने मेरी तस्वीरें हासिल कीं, जिन्हें उन्होंने अश्लील दिखने के लिए मॉर्फ किया और मुझे और मेरे परिचितों को भेज दिया. इसके बाद, बदमाशों ने और पैसे की मांग शुरू कर दी." साइबर सेल के एसपी त्रिवेणी सिंह ने सोमवार को कहा कि उन्हें इसी तरह की एक दर्जन से अधिक शिकायतें मिली हैं.

"जब ये ऐप डाउनलोड हो जाते हैं, तो उन्हें आपके कॉन्टैक्ट्स, वीडियो और फोटो गैलरी तक पहुंच मिलती है. एक बार एक्सेस देने के बाद, आपको अपना पैन कार्ड और आधार विवरण साझा करना होगा. जैसे ही दस्तावेज साझा किए जाते हैं, आपको 3,000 रुपये दिए जाते हैं और यदि आप एक सप्ताह के भीतर भुगतान करते हैं और ऋण जारी रखते हैं, तो राशि प्रति सप्ताह 8,000 रुपये तक जा सकती है." उन्होंने कहा, "यदि कोई व्यक्ति भुगतान करने में विफल रहता है, तो ऐप प्रबंधक जो तस्वीरों और संपर्को तक पहुंच प्राप्त करते हैं, वे व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्कित लोगों को मॉफ्र्ड इमेज भेजते हैं."