तेल में कटौती, साइकिलिंग, वॉक... PM मोदी ने बताया मोटापे को कैसे दे सकते हैं मात; दिया फिट रहने का मंत्र
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में तेजी से बढ़ती मोटापे की समस्या को लेकर चेताया है. सिलवासा में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि 2050 तक लगभग 44 करोड़ भारतीय मोटापे का शिकार हो सकते हैं. यह आंकड़ा न केवल चिंताजनक है, बल्कि देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर चुनौती साबित हो सकता है.

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पीएम मोदी ने कहा कि मोटापा कई बीमारियों की जड़ है और इससे हृदय रोग, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और जोड़ों की समस्याएं हो सकती हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करें. खासतौर पर खाद्य तेल की खपत को 10 फीसदी तक कम करने और नियमित व्यायाम व साइकिलिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का आग्रह किया.

पीएम मोदी ने कहा कि फिट रहने के लिए हम सभी को अपने खाने के तेल में 10 फीसदी की कटौती करनी होगी. इसके साथ ही हमें एक्सरसाइज को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा. संडे ऑन साइकल भी फायदेमंद है. रोजाना कुछ किलोमीटर पैदल चलने की आदत डालें.

मोटापे पर पीएम मोदी की मुहिम

इससे पहले भी प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में फिटनेस पर जोर दिया था. उन्होंने ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा और विश्व चैम्पियन मुक्केबाज निकहत जरीन जैसे खिलाड़ियों को इस अभियान से जोड़ा है ताकि वे लोगों को फिटनेस और संतुलित आहार के प्रति जागरूक कर सकें.

दुनिया में बढ़ता मोटापा और भारत की स्थिति

हाल ही में द लांसेट पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक दुनिया की आधी आबादी मोटापे या अधिक वजन की शिकार हो सकती है. 2021 तक लगभग 211 करोड़ लोग यानी दुनिया की 45% आबादी मोटापे या अधिक वजन से प्रभावित थी.

बात करें भारत की तो 2021 में 18 करोड़ भारतीय इस समस्या से जूझ रहे थे और यदि यही ट्रेंड जारी रहा, तो 2050 तक भारत कुछ मामलों में चीन को भी पीछे छोड़ सकता है.

भारत में मोटापे की बढ़ती प्रवृत्ति

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. 1990 के बाद से भारत में मोटे और अधिक वजन वाले वयस्कों (18 वर्ष से ऊपर) की संख्या तेजी से बढ़ी है. 2050 तक भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक मोटे लोगों वाला देश बन सकता है.

बात करें किशोर आयु वर्ग (15-24 वर्ष) की तो इस आयु वर्ग में भारत पहले ही चीन से आगे निकल चुका है और आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ सकती है. बच्चों को देखा जाए तो भारत वर्तमान में दुनिया में मोटे या अधिक वजन वाले बच्चों की संख्या में दूसरे स्थान पर है, लेकिन 2050 तक यह अंतर और कम हो सकता है.

नया मोटापा मानक: अब सिर्फ BMI नहीं

हाल ही में मोटापा पर पुनर्परिभाषित करने के लिए ‘क्लिनिकल मोटापा’ और ‘प्री-क्लिनिकल मोटापा’ जैसी नई श्रेणियां जोड़ी गई हैं. अब मोटापे का मूल्यांकन केवल बीएमआई (BMI) के आधार पर नहीं, बल्कि कमर-हिप अनुपात, शरीर में चर्बी, सांस लेने में दिक्कत, स्लीप एपनिया, और जोड़ों का दर्द जैसे लक्षणों को ध्यान में रखकर किया जाएगा.

कैसे बचा जाए मोटापे से?

  • खाद्य तेल की खपत कम करें (कम से कम 10%)
  • नियमित व्यायाम और साइकिलिंग करें.
  • जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों से बचें.
  • फल, सब्जियां और प्रोटीन युक्त आहार लें.
  • सक्रिय जीवनशैली अपनाएं और रोजाना 30 मिनट टहलें या योग करें.

भारत में मोटापे की समस्या आने वाले वर्षों में और गंभीर हो सकती है, लेकिन अगर हम अभी से अपनी आदतों में सुधार करें, सही खान-पान अपनाएं और सक्रिय जीवनशैली रखें, तो इस खतरे को टाला जा सकता है.

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