नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 (COVID-19) के खिलाफ टीकाकरण (Vaccination) अभियान के तहत लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर घर दस्तक दृष्टिकोण की जरूरत है. उन्होंने हेल्थवर्कर्स (Healthworkers) से आग्रह किया कि वे 'हर घर टीका, घर-घर टीका' यानी प्रत्येक घर पर जाकर टीका लगाएं. उन्होंने पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक घर पर अपनी उपस्थिति के लिए हर घर दस्तक की भावना से जाने के लिए भी कहा. COVID-19 Vaccine: भारत दूसरे देशों को साल के अंत तक शुरू करेगा कोविड-19 वैक्सीन का निर्यात
पीएम मोदी ने धार्मिक एवं सामुदायिक नेताओं के माध्यम से सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ाने की बात कही. उन्होंने सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि वर्ष के अंत तक अपने टीकाकरण कवरेज का विस्तार किया जाए और नए आत्मविश्वास व विश्वास के साथ नए साल में प्रवेश किया जाए.
उन्होंने कहा, "अब हम टीकाकरण अभियान को प्रत्येक घर तक ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. हर घर दस्तक के मंत्र के साथ ऐसे हर दरवाजे, हर घर पर दस्तक दें, जो वैक्सीन की दो खुराकों के सुरक्षा कवच से वंचित है."
इटली और ग्लासगो की अपनी यात्रा से वापस आने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने टीकाकरण के कम कवरेज वाले जिलों के साथ समीक्षा बैठक की. प्रधानमंत्री ने झारखंड, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय और अन्य राज्यों के अंतर्गत टीकाकरण के कम कवरेज वाले 40 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बातचीत की.
बैठक में इन राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे. बैठक वीडियो कॉन्फ्रें सिंग के माध्यम से आयोजित की गई थी और इसमें कोविड वैक्सीन की पहली खुराक की 50 प्रतिशत से कम कवरेज वाले और दूसरी खुराक की निम्न कवरेज वाले जिलों को शामिल किया गया.
नए टीकाकरण अभियान हर घर दस्तक की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा, "हमने सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन के तहत अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, अब हर घर दस्तक अभियान को सफल बनाने का समय है."
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि लोगों को टीकाकरण केंद्र तक ले जाने की व्यवस्था से लेकर घर-घर जाकर टीके लगाने की व्यवस्था में बदलाव करें. उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों से हर घर टीका, घर घर टीका के साथ हर घर तक पहुंचने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री ने आगाह करते हुए कहा कि हर घर में दस्तक देते हुए दूसरी खुराक के साथ-साथ पहली खुराक पर भी समान रूप से ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि जब भी संक्रमण के मामले कम होने लगते हैं तो कई बार इसकी आवश्यकता को लेकर भावना की कमी आ जाती है. लोगों के बीच टीके लगवाने की अत्यावश्यकता कम हो जाती है.
उन्होंने आगाह करते हुए कहा, "आपको उन लोगों से संपर्क करना होगा, जिन्होंने प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित समय के बावजूद दूसरी खुराक नहीं ली है, इसे अनदेखा करने से दुनिया के कई देशों के लिए समस्याएं पैदा हो गई हैं."
प्रधानमंत्री ने बैठक में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्रियों को धन्यवाद दिया और कहा कि टीकाकरण संख्या के प्रति उनका ध्यान जिला अधिकारियों को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. मोदी ने कहा कि सदी की इस सबसे बड़ी महामारी में देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई में एक खास बात यह थी कि हमने नए समाधान ढूंढे और नए तरीके आजमाए.
उन्होंने प्रशासकों से अपने जिलों में टीकाकरण बढ़ाने के लिए नए नए तरीकों पर अधिक काम करने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों में भी इसी तरह की चुनौतियां हैं, लेकिन उनसे दृढ़ संकल्प और नवाचार के साथ निपटा गया.
उन्होंने अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर कमियों को दूर कर टीकाकरण को संपूर्ण करने के लिए अब तक के अनुभव को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म रणनीति विकसित करने के लिए कहा. प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जरूरत पड़ने पर जिले के हर गांव, हर कस्बे के लिए अलग-अलग रणनीति बनाएं.
उन्होंने सुझाव दिया कि यह क्षेत्र के आधार पर 20-25 लोगों की टीम बनाकर किया जा सकता है. मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि गठित टीमों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश करें. प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से स्थानीय लक्ष्यों के लिए क्षेत्रवार समय सारिणी तैयार करने का आह्वान करते हुए कहा, आपको अपने जिलों को राष्ट्रीय औसत के करीब ले जाने की पूरी कोशिश करनी होगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक में मौजूद अधिकारी पहली के साथ दूसरी खुराक पर भी उतना ही ध्यान दें. प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान के तहत, भारत ने एक दिन में लगभग 2.5 करोड़ टीके की खुराक देने का रिकॉर्ड बनाया, यह उपलब्धि भारत की क्षमताओं का प्रमाण है. उन्होंने जिलों के अधिकारियों से बेहतर निष्पादन करने वाले जिलों में अपने सहयोगियों के अच्छे कार्यो से सीखने के लिए कहा और स्थानीय जरूरतों एवं पर्यावरण के लिए उपयुक्त पहलों पर जोर दिया.













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