नई दिल्ली: भारत (India) दुनिया में सबसे अधिक वैक्सीन समर्थक देश (Pro-Vaccine Country) है, क्योंकि इसकी 98 फीसदी आबादी कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ टीका लगवाना चाहती है. आईएएनएस-सीवोटर वैक्सीन ट्रैकर में सामने आए निष्कर्षो से यह जानकारी मिली है. यह डेटा उस दिन सामने आया है, जब भारत 100 करोड़ टीकाकरण (Vaccination) के मील के पत्थर तक पहुंच गया है और यह दर्शाता है कि इस संख्या को प्राप्त करने में टीका हिचकिचाहट की कमी ने एक बड़ी भूमिका निभाई है. COVID-19 Vaccine: देश में अब तक लगे 99 करोड़ टीके, जल्द पूरा होगा 100 करोड़ का लक्ष्य
सीवोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे अधिक वैक्सीन समर्थक देश है और हर समय, 90 प्रतिशत या उससे अधिक लोग टीकाकरण करवाना चाहते हैं. देशमुख ने कहा कि भारत में टीके को लेकर हिचकिचाहट की बात, जो टीकाकरण अभियान को रोक सकती है, वह झूठी कहानी हो सकती है.
देश में कम से कम 82 प्रतिशत आबादी को पहले ही कोविड वैक्सीन की एक खुराक मिल चुकी है, जबकि 39 प्रतिशत ने दोनों खुराक प्राप्त कर ली हैं. सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि भारत में लोग अपेक्षाकृत वैक्सीन के समर्थक हैं और उनके अंदर हिचकिचाहट भी कम है. भारत की अपेक्षा यूरोप में वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट पांच गुना, जबकि अमेरिका में 10 गुना अधिक है.
टीकाकरण अभियान में, पूरी आबादी की गणना नहीं की जा सकती है, क्योंकि पात्र जनसंख्या केवल 18 वर्ष से ऊपर है. ट्रैकर के अनुसार, केवल 2 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे टीकाकरण नहीं करवाना चाहते हैं. एक साल पहले टीके की हिचकिचाहट 12-13 प्रतिशत थी, जो अब घटकर केवल 2 प्रतिशत रह गई है.
ट्रैकर में, यह पूछे जाने पर कि क्या वैक्सीन की उत्पत्ति वाले देश का कोई प्रभाव नहीं है, इस पर 22.4 प्रतिशत असहमत दिखे जबकि 70.1 प्रतिशत इस धारणा से सहमत थे. इसके अलावा 22.4 प्रतिशत लोगों ने चीनी वैक्सीन के प्रति घृणा दर्शायी है.
ट्रैकर में कुल 15.4 प्रतिशत इस धारणा से असहमत दिखे कि टीके धार्मिक मान्यताओं के अनुकूल हैं, जबकि 15.4 प्रतिशत ने इसका हां में जवाब दिया. वहीं लगभग 13 प्रतिशत ने यह भी कहा कि चाहे जो भी हो, वे वैक्सीन जरूर लेना चाहेंगे, जिससे वैक्सीन की हिचकिचाहट केवल 2 प्रतिशत ही दर्ज की गई है.