नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने गुरुवार को कहा कि भारत (India) में 12 करोड़ से अधिक लोगों को कोविड-19 (COVID-19) की दूसरी खुराक दी जानी है. उन्होंने कहा कि कुल पात्र वयस्क आबादी में से केवल 79 प्रतिशत को पहली खुराक मिली है, जबकि 38 प्रतिशत को दूसरी खुराक मिली है. मंडाविया ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान यह जानकारी दी. COVID-19: डेल्टा वेरिएंट अभी भी चिंता का मुख्य कारण, तीसरी लहर का खतरा बरकरार
इस दौरान उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि चल रहे 'हर घर दस्तक' अभियान के दौरान समस्त वयस्क आबादी को पहली खुराक के लिए और जिनकी दूसरी खुराक बाकी है, उन्हें दूसरी खुराक लेने के लिए प्रेरित किया जाए.
स्वास्थ्य मंत्री ने गांवों में अग्रिम रूप से 'प्रचार टोली' तैनात करने सहित 'हर घर दस्तक' अभियान को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री की रणनीतियों को दोहराया, जिनसे जागरूकता अभियानों के साथ-साथ पात्र आबादी को टीके के लिए जुटाना और उन्हें परामर्श देना सुनिश्चित होगा. इसके बाद 'टीकाकरण टोली' यह सुनिश्चित करेगी कि पात्र नागरिकों को पहली और दूसरी खुराक का टीका लगाया जाए.
डॉ मंडाविया ने सुझाव देते हुए कहा, "आइए, हम बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, विशेष रूप से बड़े महानगरों में कोविड टीकाकरण केंद्र शुरू करें, क्योंकि ये स्थान बड़ी संख्या में प्रवेश करने वालों के लिए प्राथमिक बिंदु हैं. कुछ राज्यों ने 'रोको और टोको' अभियान शुरू किया है, जहां बसों, ट्रेनों, रिक्शा आदि से उतरने वाले यात्रियों को वैक्सीन की खुराक लेने के लिए प्रेरित किया जाता है.
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि 'हर घर दस्तक' अभियान का प्रत्येक दिन लाभार्थियों के विभिन्न समूहों को जुटाने और उनका टीकाकरण के लिए समर्पित किया जा सकता है."
मंडाविया ने लक्षित क्षेत्र में समयबद्ध तरीके से 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के लिए कई टीकाकरण टीमों की रणनीतियों पर जोर दिया. इसके अलावा, उन्होंने जागरूकता पैदा करने, टीकाकरण सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय साप्ताहिक बाजारों और हाटों का उपयोग करने और स्थानीय धार्मिक एवं सामुदायिक नेताओं के साथ सहयोग करने पर भी जोर दिया.
टीकाकरण विरोधी अफवाहों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए और गांव एवं शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण न कराने वालों को प्रेरित करने के प्रयास करने को भी कहा गया है.
यह देखते हुए कि बच्चे व्यवहार परिवर्तन के लिए सबसे अच्छे दूत हो सकते हैं, उन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से यह आग्रह किया कि बच्चों को पूर्ण टीकाकरण के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए इस अभियान में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि बच्चे अपने माता-पिता और अन्य परिवार के लोगों को टीके की दोनों खुराक लेने के लिए प्रेरित करेंगे.
चल रहे कोविड नियंत्रण एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन उपायों की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को सावधान किया कि कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है.
मंडाविया ने कहा, "हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि कोविड अब खत्म हो गया है. वैश्विक स्तर पर कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। 80 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण होने के बावजूद सिंगापुर, ब्रिटेन, रूस और चीन में दोबारा मामले बढ़ रहे हैं. टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) को साथ-साथ आगे बढ़ना चाहिए." टीकाकरण को 'सुरक्षा कवच' बताते हुए डॉ. मंडाविया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'दवाई भी कड़ाई भी' आह्वान को दोहराया.