नई दिल्ली: लगभग समूचे विश्व को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से हर देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है. बात करें भारत (India) की तो ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि अगर लॉकडाउन चार हफ्ते से अधिक चलता है तो देश के 6.9 करोड़ से अधिक एमएसएमई के सामने कारोबार की समस्या शुरू हो सकती है. जी हां ग्लोबल एलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप (Global Alliance For Mass Entrepreneurship) के चेयरमैन रवि वेंकटेशन (Ravi Venkatesan) के अनुसार अगर देश में लॉकडाउन की अवधि और आगे बढ़ती है तो एसएमई को नकदी संकट का सामना करना पड़ सकता है. अगर लॉक डाउन की अवधि चार या आठ हफ्ते के लिए आगे बढ़ती है तो 19 से 43 फीसदी तक एसएमई को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
बता दें कि भारत जैसे विकाशील देश में एसएमई सेक्टर से कुल जॉब का 90 फीसदी रोजगार पैदा होता है. वहीं ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि अगर लॉकडाउन की अवधि बढ़ती है तो देश में रोजगार की समस्या भी उत्पन्न हो जाएगी. वहीं ग्लोबल एलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप का मानना है कि लॉकडाउन का असर सिर्फ एमएसएमई सेक्टर पर ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी देखने को मिलेगा.
गौरतलब हो कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 21 दिन के लॉकडाउन का आदेश दिया है. वहीं खबरों की माने तो अगर कोरोना वायरस की समस्या का समाधान नहीं निकलता है तो यह अवधि और भी आगे बढ़ सकती है.