ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट ने तीसरी लहर के खतरे को बढ़ा दिया है. देश के कई राज्यों में ओमिक्रॉन दस्तक दे चुका है. इसी के साथ तीसरी लहर का आना तय माना जा रहा है. ओमिक्रॉन वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था. इस वेरिएंट को लेकर विशेषज्ञ अधिक जानकारी जुटाने में लगे हैं. अभी तक माना जा रहा है कि यह वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से अधिक खतरनाक हो सकता है. Delhi: Omicron के खतरे के बीच एयरपोर्ट पर उमड़ी भीड़, कोरोना हॉट स्पॉट बनने का खतरा.
इस बीच शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि भारत को संभावित "तीसरी लहर" से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि "कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का प्रभाव दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक दिखने लगेगा. जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में ओमिक्रॉन का पीक होगा." आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने अध्ययन में यह दावा किया.
उन्होंने अध्यन के आधार पर दावा किया कि तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी. बता ओमिक्रॉन को लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि इस वेरिएंट को लेकर बहुत अधिक जानकारी सामने नहीं आई है. यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह वायरस वाकई अधिक खतरनाक है या इसका असर कम है.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बीबीनगर के कार्यकारी निदेशक, डॉ विकास भाटिया ने संभावित तीसरी लहर को लेकर कहा, "यह भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है. हम अभी भी कुछ और जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसलिए, हमें खुद को तैयार करना चाहिए कि तीसरी लहर आ सकती है. उन्होंने कहा, एक अच्छी खबर यह हो सकती है कि हम पाते हैं कि यह ओमीक्रॉन वेरिएंट बहुत घातक नहीं है. उन्होंने बताया कि अभी तक दुनिया के किसी भी हिस्से से किसी की मौत की सूचना नहीं मिली है."