नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सोमवार को कहा कि कोरोनावायरस के 100 में से 80 मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें कोई लक्षण देखने को नहीं मिला या हल्के लक्षण दिखे हैं. वहीं, लॉकडाउन के इस दौर में जहां छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं बड़ी संख्या में स्कूल परिसर को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिया गया है. देशभर में अकेले केंद्रीय विद्यालय के 80 परिसरों को क्वारंटाइन केंद्र में बदला गया है. यहां हजारों की संख्या में कोरोना संदिग्धों को क्वारंटाइन किया गया है. कई स्थानों पर तो केंद्रीय विद्यालयों को सेना एवं सीमा सुरक्षा बल के जवानों को सौंप दिया गया है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा देश भर में कुल 80 केंद्रीय विद्यालयों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. हालांकि स्कूल बंद होने के बावजूद केंद्रीय विद्यालयों के 32 हजार शिक्षक ऑनलाइन माध्यमों से छात्रों की पढ़ाई करवा रहे हैं. गोवा को कोरोना वायरस मुक्त घोषित करने में जल्दबाजी नहीं दिखायें
केंद्रीय विद्यालयों ने 7 लाख 7 हजार 312 छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ा है. इसके साथ ही केंद्रीय विद्यालय के शिक्षकों एवं गैर शिक्षण स्टाफ ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 10 करोड़ 40 लाख 60 हजार 536 रुपये दे चुके हैं.
सेना द्वारा अपने अधिकार में लिए गए स्कूलों में कोरोना वायरस के संदिग्ध रोगियों कोक्वारंटाइन करने की व्यवस्था की गई है. कई स्थानों पर तो स्कूलों में सभी आवश्यक दवाओं के साथ डॉक्टरों की टीम भी मौजूद हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित केंद्रीय विद्यालय को आइटीबीपी ने 26 मार्च को अपने आधीन लेकर इसे कोरोना संदिग्धों के लिए क्वारंटाइन सेंटर के रूप में तब्दील किया है. इसी तरह ग्वालियर के केंद्रीय विद्यालय नंबर 3 को कुमाऊं रेजिमेंट ने 1 अप्रैल से क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील किया है.
पंजाब में भी एक केंद्रीय विद्यालय डीबीएन शिखर को सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ ने क्वारंटाइन सेंटर में बदल दिया है. बीएसएफ की 89 बटालियन द्वारा स्थापित किए गए इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में ऐसे लोगों को रखा गया है जिन पर कोरोना पॉजिटिव होने का संदेह है. हरिद्वार के निकट रुड़की में भी केंद्रीय विद्यालय नंबर-1 को भारतीय सेना की बंगाल इंजीनियरिंग विंग ने आइसोलेशन सेंटर में तब्दील किया है.