कोरोना वायरस से पूरा भारत मुकाबला कर रहा है. देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगा है लोग अपने घरों में हैं. वहीं दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज ममाले से हड़कंप मच गया है. दरअसल 24 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण मिलने सरकार हरकत में आ गई है. जिसके बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है, वहीं तकरीबन 5 दिनों तक चली कार्रवाई के बाद वहां से सभी लोगों को निकाल लिया गया है. वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है उनके नाम मौलाना साद, डॉ. ज़ीशान, मुफ्ती शहज़ाद, एम. सैफी, यूनुस और मोहम्मद सलमान है. एएनआई की खबर के मुताबिक मौलाना साद को पुलिस द्वारा नोटिस भेजा गया था, उसके बाद से 28 मार्च से उसका पता नहीं चला रहा. फिलहाल उसकी तलाश जारी है.
बता दें कि मरकज को आज सुबह लगभग 3:30 बजे खाली किया गया. यहां लगभग 2100 लोग थे. अधिकांश लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. इस जगह को खाली करने में 5 दिन लगे. वहीं जब फांस गले में फंसी तो हर कोई जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है. गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि 21 मार्च को हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1,746 लोग थे. इनमें 216 विदेशी और 1530 भारतीय थे.
ANI का ट्वीट:-
Whereabouts of Maulana Saad are not known since 28th March when he was served a notice by police. Search for him is currently underway: Delhi Police Sources https://t.co/cWATl6Xe5R
— ANI (@ANI) April 1, 2020
बताया जा रहा है कि जिस रात प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार लॉकडाउन की बात कही थी, उस रात भी जमात हेडक्वार्टर में 5 हजार से ज्यादा देशी-विदेशी नागरिक मौजूद थे. तबलीगी जमात के देसी और विदेशी कार्यकर्ता वर्ष भर देश के अलग-अलग इलाकों में उपदेश देने या ‘चिल्ला’ के लिये दौरे पर रहते हैं. इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यामां, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान समेत कई देश के लोग शामिल होते हैं.