Coronavirus: संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी रखने पर मास्क लगाना जरूरी नहीं, जानें लक्षण, बचाव समेत COVID-19 से जुड़ी हर अहम जानकारी
कोरोनावायरस का प्रकोप (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: चीन (China) के वुहान (Wuhan) से निकला कोराना वायरस (Coronavirus) दुनिया के अधिकांश हिस्सों में अपने पैर पसार चुका है. यह घातक वायरस तेजी से लोगों को अपने शिकंजे में जकड़ रहा है. दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस अब तक 100 से ज्यादा देशों को प्रभावित कर चुका है. दुनिया भर में कोरोना वायरस के 120,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि इस संक्रमण (Coronavirus Infection) की जद में आने से 4,300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 73 हो गई है. हालांकि भारत सरकार की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास जारी है, लेकिन इससे बचाव के लिए इस घातक वायरस (Deadly Virus) के बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है.

कोरोना वायरस के फैलने के डर से अधिकांश लोग हमेशा अपने चेहरे पर मास्क लगाए हुए नजर आ रहे हैं. इसी बीच गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Luv Aggrawal) ने कोरोना वायरस पर जानकारी देते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमित लोगों से उचित दूरी बनाकर रखता है तो उसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं है.

हमेशा मास्क लगाने की जरूरत नहीं

उन्होंने कहा कि 948 लोगों को विदेशों से भारत लाया गया है. भारत सरकार ने इन लोगों को मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू जैसे 48 देशों से रेस्क्यू किया है. इसके साथ ही भारतीयों की संक्रमित देशों की गैरजरूरी यात्री पर रोक लगा दी गई है और प्रधानमंत्री मोदी खुद हालात की निगरानी कर रहे हैं. यह भी पढ़ें: Coronavirus क्या है? जानें चीन से फैलने वाले रहस्यमयी कोरोनावायरस से जुड़ी हर जानकारी

विदेशों से लाए गए 948 भारतीय-

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर लव अग्रवाल ने कहा कि देश में अब तक कोरोना वायरस के 73 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 56 भारतीय हैं और 17 विदेशी (इटली और कनाडा से) शामिल हैं.

भारत में कोरोना वायरस के 73 मामले

क्या है कोरोना वायरस?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है, जिससे निपटना अब भी बड़ी चुनौती है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कोरोना वायरस सी-फूड से जुड़ा है, जिसकी शुरुआत चीन के हुवेई प्रांत स्थित वुहान शहर से हुई. यह वायरस विषाणुओं के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है.

क्या है इसके लक्षण?

कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति में आमतौर पर सांस लेने में दिक्कत, जुकाम, खांसी, गले में दर्द व खराश, नाक बहना और बुखार जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. धीरे-धीरे यह बुखार निमोनिया का रूप ले सकता है. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे-व्यक्ति में फैल सकता है, इसलिए इसे लेकर सावधानी बरतना बेहद आवश्यक है.

क्या है इसका इलाज?

कोरोनावायरस से निपटना चिकित्सा जगत के लिए बड़ी चुनौती है. हालांकि अभी तक इस रहस्यमयी वायरस पर अटैक करने वाली कोई वैक्सीन नहीं बनी है, लेकिन लक्षणों पर गौर करते हुए विशेषज्ञ इसके इलाज में दूसरी दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं. फिलहाल कोरोनावायरस से लड़ने और इससे पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए वैक्सीन तैयार करने पर काम चल रहा है. ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की तरफ से कहा गया है कि हम कोरोना वायरस को आइसोलेट करने में कामयाब हुए हैं. वायरस का वैक्सीन आने में कम से कम 1.5 से 2 साल लग जाएंगे. यह भी पढ़ें: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च: कोरोना वायरस को आइसोलेट करने में मिली कामयाबी, लेकिन वैक्सीन आने में लग सकते हैं डेढ़ से 2 साल

कैसे करें अपना बचाव? 

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, कोरोना वायरस से बचने के लिए साफ-सफाई का उचित ख्याल रखें. कहीं बाहर से आने के बाद और खाने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धोएं. खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को रुमाल या टिश्यू पेपर से ढंककर रखें. साबुन या हैंड सैनिटाइजर से अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें. जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें. सी-फूड, अंडे और मांस का सेवन करने से बचें. जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें.

गौरतलब है कि इस वायरस से बचने का एक ही तरीका है और वो है इसके प्रति जागरूकता, इसलिए अगर आप में ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई लक्षण नजर आता है तो उसे नजरअंदाज न करें और फौरन अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं. इसके साथ ही कोरोना वायरस से अपने और परिवार के लोगों के बचाव के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें.