कोरोना का कहर: लॉकडाउन के दौरान नियम तोड़ना- अफवाह फैलाना पड़ सकता है भारी, होगी 2 साल की जेल
पटना में पुलिस लॉकडाउन के दौरान गस्त लगाते हुए (Photo Credits: IANS)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के ऐलान के बाद कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर देशभर में मंगलवार की रात 12 बजे से अगले तीन सप्ताह तक यानी 21 दिनों तक का लॉकडाउन (Lockdown) लागु कर दिया गया है. इस लॉकडाउन के पीछे सरकार की यही मंशा है कि ज्यादा से ज्यादा इस वायरस की चपेट में आने वालों को बचाया जा सके. क्योंकि कोरोना का कहर पूरी दुनिया देख रही है. इसके प्रकोप का सबसे बड़ा उदहारण चीन, इटली और ईरान हैं. ऐसे में भारत की जनता को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है. वहीं लॉक डाउन के दौरान किसी को बेवजह मटरगस्ती करते और सड़कों पर बिना मतलब के घूमता हुआ पाया गया तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है. ये सजा दो साल तक की हो सकती है. दरअसल नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के सेक्शन 51 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसमें सजा और जुर्माना दोनों शामिल हैं.

गृह मंत्रायल द्वारा जारी किए गए निर्देश के अनुसार लॉकडाउन के दौरान कोई शख्स कोरोना वायरस से संबधित गलत जानकारी फैलाता है तो उसे एक साल की जेल हो सकती है. इसमें यह भी कहा गया है कि अगर शख्स नियमों का उलंघन करता है और उस वजह से किसी शख्स की जान जाती है तो ऐसे में अगर वो दोषी साबित हुआ तो उसे दो साल के लिए जेल की सजा हो सकती है. गृह मंत्रलाय ने अपने निर्देश में कहा कि यदि कोई लोगों के लिए दिए गए फंड में घोटाला करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इस दायरे में सरकारी अधिकारी भी शामिल होंगे. इस प्रावधान के तहत उन्हें दो साल की जेल हो सकती है. वहीं कॉर्पोरेट सेक्टर पर जुर्माने की बात का जिक्र किया गया है.

गौरतलब हो कि लॉकडाउन घोषित किए जाने के कई राज्यों में लोगों को नियमों का उलंघन करते हुए पाया गया था. इस दौरान पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश भी की थी. लेकिन उसके बाद भी लोग घरों से बाहर निकलते देखें गए. वहीं अकेले उत्तर प्रदेश में चाौबीस घंटे के भीतर 350 लोगों के खिलाफ प्राधमिकी दर्ज की गई. गौरतलब हो कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में COVID19 मामलों की संख्या बढ़कर 562 हो गई है. जिसमें 40 मरीज डिस्चार्ज और 9 मौतें शामिल हैं.