Coronavirus Stage 3: भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है, जहां कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मामलों का आंकड़ा 2900 से पार हो गया है. इस महामारी (Pandemic) के खतरे को कम करने और इसके प्रसार को रोकने के लिए 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) द्वारा शनिवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 2902 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 68 लोग इस संक्रमण के चलते मौत के आगोश में समा चुके हैं. देश में कोविड 19 (COVID-19) संक्रमण के मामले जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए लोगों के मन यह दहशत घर कर गई है कि क्या भारत कोरोना वायरस प्रसार के तीसरे चरण में प्रवेश कर चुका है? (Is India in Stage 3 of Coronavirus) या फिर कोविड-19 का सामुदायिक प्रसार शुरु हो गया है? कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों को इस बात की चिंता सता रही है कि आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या में अचानक से ज्यादा इजाफा भी हो सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल भारत इस वैश्विक महामारी के तीसरे चरण में नहीं पहुंचा है और वर्तमान में देश कोरोना वायरस संक्रमण प्रसार के दूसरे चरण में है, जिसका मतलब है स्थानीय संचरण चरण. रिपोर्ट के अनुसार, अब तक विदेश से लौटे या प्रभावित देशों की यात्रा के इतिहास वाले लोगों के संपर्क में आने से संक्रमण फैलने के मामले सामने आए हैं. हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अगर कोई पीड़ित हालिया यात्रा का इतिहास साझा नहीं करता है तो भारत तीसरे चरण में प्रवेश कर सकता है.
बता दें कि सरकार अपने रूख पर कायम है कि भारत ने अभी तक सामुदायिक संचार चरण यानी तीसरे चरण में प्रवेश नहीं किया है. हालांकि राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के चलते कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय के इस दावे पर संदेह भी किया जा रहा है. चलिए जानते हैं कोरोना वायरस के प्रसार के कितने चरण है और हर चरण के साथ यह कितना खतरनाक होता जाता है? यह भी पढ़ें: Coronavirus: देशभर में संक्रमित मरीजों की संख्या 2902 हुई, अब तक 68 लोगों की मौत
कोरोना वायरस प्रसार के चरण
कोरोना वायरस पूरी दुनिया में मौत का तांडव मचा रहा है. कोविड-19 या कोरोना वायरस के नाम फैल रहे इस घातक वायरस के प्रसार के चार चरण हैं.
पहला चरण
कोरोना वायरस प्रसार के पहले चरण में कोविड-19 पॉजिटिव मामले उन लोगों में रिपोर्ट किए जाते हैं जिनका प्रभावित देशों की यात्रा का इतिहास रहा है. इस चरण में यह महामारी स्थानीय स्तर पर नहीं फैलती है और इस चरण में स्थिति नियंत्रण में होती है.
दूसरा चरण
दूसरे चरण में स्थानीय संचरण होता है और कम लोग इससे प्रभावित होते हैं. इस चरण में वायरस के फैलने का स्रोत पता होता है. स्थानीय संचरण तब होता है, जब लोग प्रभावित देशों की यात्रा करके लौटते हैं और संक्रमित पाए जाते हैं, इनसे वायरस उन लोगों में पहुंचता है जो इनके संपर्क में आते हैं. दूसरे चरण में संक्रमित लोगों का पता लगाना आसान होता है और लोगों की पहचान कर उन्हें क्वारेंटाइन किया जा सकता है.
तीसरा चरण
कोरोना वायरस का तीसरा चरण बेहद खतरनाक होता है, क्योंकि इस चरण में संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल पाता है और संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है. तीसरे चरण में महामारी के प्रसार को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाता है और इससे मौतों का आंकड़ा भी तेज रफ्तार से बढ़ने लगता है. इस चरण में प्रभावित देशों की यात्रा का इतिहास न होने और विदेश यात्रा से लौटे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आने के बावजूद लोगों में संक्रमण की पुष्टि होती है.
चौथा चरण
कोरोना वायरस संक्रमण का चौथा चरण सबसे बुरा और भयावह होता है. इस चरण में कोरोना वायरस संक्रमण का संचरण बेकाबू हो जाता है और पूरे देश को अपनी चपेट में ले सकता है. यह रोग महामारी की तरह इस चरण में लोगों को अपना शिकार बनाता है और इससे बचना लगभग नामुमकिन हो जाता है. यह भी पढ़ें: Coronavirus Outbreak: कोरोना वायरस से जंग, 30 हजार से ज्यादा स्वयंसेवी डॉक्टर लड़ेंगे COVID-19 से लड़ाई
बता दें कि महज 12 घंटों में कोरोना वायरस के 355 नए केस सामने आने के बाद भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या शनिवार को बढ़कर 2902 तक पहुंच गई, जबकि मरने वालों की तादात 68 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत में रिपोर्ट किए गए कुल पॉजिटिव मामलों में 2650 केस एक्टिव हैं, करीब 183 ठीक या फिर डिस्चार्ज हो चुके हैं.
गौरतलब है कि 31 मार्च को संयुक्त सचिव स्वास्थ्य, लव अग्रवाल ने भारत की अन्य प्रभावित देशों के साथ कोरोना वायरस मामलों के अनुपात की तुलना की थी और कहा था कि भारत में लॉकडाउन की अवधि के दौरान इस संक्रमण के 100 मामलों से 1000 मामलों तक पहुंचने में 12 दिन लग गए, जबकि पश्चिमी देशों में एक ही समय अवधि में 3,000 से 5,000 मामले पाए गए हैं. ज्ञात हो कि 22 मार्च को यह वायरल संक्रमण 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिलों में फैल गया था और उसके महज छह दिन बाद इस संक्रमण ने देश के 27 राज्यों के 160 जिलों में अपने पैर पसार लिए.