कब तक आ सकती है कोविड-19 की वैक्सीन?
कब तक आ सकती है कोविड-19 की वैक्सीन इस सवाल पर डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार पद्मश्री डॉ मोहसिन वली की मानें तो अगर ये परीक्षण कारगर होते हैं, तो सितंबर तक यह वैक्सीन बाजार में आ जाएगी. हांलाकि अमेरिका ने भी कहा है कि वह भी मानव पर ट्रायल कर रहा है, लेकिन वैक्सीन पहले कोई सा भी देश बनाए, इसे बाजार में आने में अभी 5-6 महीने लगेंगे ही.
Coronavirus Vaccine: कोविड-19 की वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) के लिए पूरी दुनिया प्रयसरत है. चीन (China) ने सबसे पहले वैक्सीन के लिए रिसर्च शुरू की. उसके बाद जैसे-जैसे दुनिया के तमाम देशों में कोरोना वायरस फैलता गया वैक्सीन (Vaccine) की तलाश भी तेज होती गई. अमेरिका के हावर्ड विश्वविद्यालय और इंग्लैंड में ऑक्सफोर्ड ने भी रिसर्च शुरू किया. ऑक्सफोर्ड की वैज्ञानिक साराह गिलबर्ट ने हाल ही में बताया कि उनकी लैब में तैयार की गई वैक्सीन का परीक्षण मानव पर शुरू कर दिया गया है.
अब सबसे बड़ा सवाल है कि अगर वैक्सीन तैयार हो जाती है, तो यह आम जनमानस तक कब तक पहुंचेगी. डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार पद्मश्री डॉ मोहसिन वली की मानें तो अगर ये परीक्षण कारगर होते हैं, तो सितंबर तक यह वैक्सीन बाजार में आ जाएगी. हांलाकि अमेरिका ने भी कहा है कि वह भी मानव पर ट्रायल कर रहा है, लेकिन वैक्सीन पहले कोई सा भी देश बनाए, इसे बाजार में आने में अभी 5-6 महीने लगेंगे ही. डॉ. वली कहते हैं कि केवल अमेरिका, चीन या ब्रिटेन ही वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, बल्कि भारत की कई प्रयोगशालाओं में इस पर काम चल रहा है.
इस बीच बिना वैक्सीन के भारत में नियंत्रित स्थिति को लेकर पूरे विश्व में चर्चा हो रही है. भारत ने दूसरे कई विकसित देशों की तुलना में कोरोना वायरस पर काफी कंट्रोल किया है, जिसे देख कर डब्लूएचओ से लेकर कई देश सराहना कर रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स तक ने विशेष रुप से भारत सरकार के हर कदम की सराहना की है. यह भी पढ़ें: क्या है Plasma Therapy, जिससे COVID -19 का इलाज करने में जुटें हैं डॉक्टर्स, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कौन डोनेट कर सकता है प्लाज्मा? यहां जानें सब कुछ
अन्य देशों की तुलना में भारत की बेहतर स्थिति पर डॉ. वली का कहना है कि साउथ कोरिया के बाद भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा है. चीन, अमेरिका, इटली समेत कई अन्य देशों को देखें तो हमारा देश सबसे बेहतर कर रहा है. उसकी वजह है हमारे देश के लोग, जिन्होंने सरकार की बात मानी और लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया. तमाम राज्य सरकारों, स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय ने दिन रात मेहनत की, जिसका असर दिख रहा है. भारत भी वैक्सीन पर काम कर रहा है. हमने इस दौरान दुनिया के तमाम देशों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन भेज कर दूसरे देशों की सहायता भी की.
देश के लगभग 80 जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त
उन्होंने कहा पहले ही दिन से सरकार कोरोना वायरस का संक्रमण कम करने की कोशिश में लगी हुई है. प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान जनता से सोशल डिस्टेंसिंग का आग्रह किया. कई देशों में वायरस की स्थिति पर चर्चा की. देश की तमाम आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों की मेहनत और त्याग का परिणाम है कि आज देश कोरोना संक्रमण में दूसरे देशों से बेहतर कर रहा है. आज देश के लगभग 80 जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गए हैं. यह भी पढ़ें: कोरोना से जंग: HCQ क्या है? यह COVID-19 से बचाव में कितना कारगर है? जानें इस दवा से जुड़े सामान्य सवालों के सही जवाब
रमजान में भी सोशल डिस्टेंसिंग करें पालन
रमजान पाक का महीना शुरू हो चुका है. इस दौरान सभी से घर पर ही नमाज अदा करने की गुज़ारिश की गई है. इस पर डॉ. मोहसिन वली ने कहा, "जो लोग अभी गंभीरता से नहीं लो रहे उन्हें लेकर कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है, सभी को गंभीरता से लेना है और घर से बाहर न निकलें. रमजान पाक में लोगों को सावधानी बरतनी ही होगी. यह सुनिश्चित करना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग टूटने न पाए. कुछ दिन की बात है. अभी अगर वायरस से बच गए तो आने वाले समय में बहुत जल्द इससे निजात पाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कहीं खाना या राशन बंट रहा है और लेने जा रहे हैं, तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें."
(यह लेख आकाशवाणी पर प्रसारित कार्यक्रम 'कोरोना जागरूकता सीरीज़' में हुई चर्चा पर आधारित है)