Coronavirus: कहीं आप COVID-19 के फॉल्स निगेटिव मरीज तो नहीं, जानें कैसे इससे बढ़ रही है सरकार की टेंशन

देश में अब कोविड-19 के ऐसे मरीज मिल रहे हैं, जिनमें इस महामारी के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस संक्रमण के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें मरीजों का टेस्ट निगेटिव आया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Coronavirus: लॉकडाउन  (Lockdown) का आज 16वां दिन है, बावजूद इसके कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. देश में लगातार कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन इस बीच कोविड-19 (COVID-19) के फॉल्स निगेटिव मरीजों (False Negative Patients) के मिलने से सरकार की टेंशन और ज्यादा बढ़ गई है. दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात को स्वीकार किया है कि देश में अब कोविड-19 के ऐसे मरीज मिल रहे हैं, जिनमें इस महामारी के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना वायरस संक्रमण के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें मरीजों का टेस्ट निगेटिव आया है.

बता दें कि देश में कोरोना के कुछ ऐसे मरीज भी मिले हैं, जो पहले कोरोना वायरस से संक्रमित थे, लेकिन अस्पताल या फिर आइसोलशन में रहने के बाद उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई और रिपोर्ट के अधार पर उन्हें छुट्टी दे दी गई, लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई. कुछ मरीजों की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए.

कोरोना फॉल्स निगेटिव मरीज

अगर आप कोरोना वायरस के लिए टेस्ट कराते हैं और उसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप कोविड-19 से संक्रमित नहीं हैं. दुनिया भर में कई ऐसे मरीज सामने आए हैं, जो खांसी, सांस लेने में तकलीफ और तेज बुखार जैसे कोविड-19 के लक्षणों से पीड़ित थे, लेकिन जब उनकी जांच कराई गई तो रिपोर्ट निगेटिव आई. जब उनमें लक्षण बढ़ने लगे और दोबारा जांच की गई तब भी उनकी रिपोर्ट निगेटिव निकली, फिर बाद में वो संक्रमित पाए गए. ऐसे मामले जो पहले निगेटिव थे फिर पॉजिटिव पाए गए, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई है उन्हें फॉल्स निगेटिव मरीज कहा जाता है. यह भी पढ़ें: कोविड-19 के संक्रमण से बचें, घर पर बनाएं फेस मास्क, वह भी बिना सिलाई मशीन के

बहरहाल, फॉल्स निगेटिव कोरोना मरीजों के मिलने से इस घातक वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि दुनिया भर में करीब 30 फीसदी कोरोना के फॉल्स निगेटिव मरीज मिले हैं. इस तरह के मामलों में हो रही बढ़ोत्तरी ने भारत सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है, क्योंकि ऐसे मरीजों से स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने का खतरा हो सकता है.

गौरतलब है कि ऐसे हालात में अगर आप अपनी जांच करा रहे हैं और रिपोर्ट निगेटिव आए तो केवल एक जांच रिपोर्ट को सही मानकर निश्चिंत न हो जाएं. बेहतर होगा कि आप अन्य डॉक्टरों से परामर्श कर टेस्ट रिपोर्ट की अपने लक्षणों से तुलना करें और जरूरी ऐहतियात बरतें.

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