कोरोना महामारी: किस दिन से काउंट होता है 14 दिन का आईसोलेशन पीरियड, जानें आरएमएल अस्पताल के डॉ. ए के वार्ष्‍णेय से
कोरोना से जंग | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: PTI)

देश में वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले यात्रियों को या ऐसे लोग जिनमें कोरोनो के कम लक्षण हैं उन्हें घर में होम क्वारनटाइन करने को कहा जा रहा है. ऐसे में क्वारंटाइन पीरियड (Quarantine period) कब से काउंट करना है. इसे लेकर कुछ लोगों में काफी असमंजस है. इसलिए क्वारनटाइन का ही समय 14 दिन कौन सा है और क्या भारत में हो सकता है 100 प्रतिशत तक रिकवरी रेट ऐसे ही कई सवालों के जवाब दिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने.

आईसोलेशन किस दिन से 14 तक करें

आरएमएल अस्पताल नई दिल्ली के डॉ ए के वार्ष्‍णेय ने आईसोलेशन को लेकर कहा कि वायरस के लक्षण शरीर में विकसित होने में कम से कम 3 दिन का समय लगता है। शुरुआती तीन दिनों तक आप एसिम्‍प्‍टोमेटिक होते हैं यानी वायरस आपके शरीर में रहता है लेकिन उसके लक्षण नहीं होते, उस समय आप दूसरों को संक्रमण दे सकते हैं। मरीज को तो पता नहीं लगता कि वो संक्रमित है. इसलिए जिस दिन से उसमें संक्रमण दिखता है, वो उसी दिन से 14 दिन गिनना शुरू करता है. फिर जब टेस्‍ट होता है और उसमें अगर पॉजिटिव निकल आया, तो तब से उसे 2 सप्‍तह के आईसोलेशन में रखा जाता है. यह भी पढ़े: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आयुष क्वाथ काढ़े का करें सेवन, इन आयुर्वेदिक चीजों से बनाएं सेहतमंद काढ़ा

माइल्ड इंफेक्शन वाले क्या रखें एहतियात

इस दौरान डॉ वार्ष्‍णेय मे बताया कि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव है और उसमें ज्‍यादा लक्षण नहीं दिख रहे हैं, या माइल्‍ड इंफेक्शन है तो नियमित रूप से अपना बुखार मापना है, गर्म पानी पीते रहना है, गले में इंफेक्शन से बचना है और ऑक्‍सीजन के लेवल को मापते रहना है. किसी भी हालत में ऑक्‍सीजन लेवल 90 प्रतिशत से नीचे नहीं होना चाहिए. ऑक्‍सीजन का लेवल 95 से 100 के बीच में है तो सही है। अगर और अधिक लक्षण दिखने लगें, तो तुरंत अस्‍पताल को सूचित करें। यदि घर बहुत छोटा है, तो ऐसे लोग सरकार द्वारा स्थापित कोविड केयर सेंटर में जाकर आईसोलेशन में रह सकते हैं.

आइसोलेशन में रखें सावधानी

जो लोग आईसोलेशन में हैं, वो अपना बचाव करने के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 80 से 90 प्रतिशत लोगों में लक्षण नहीं दिखते हैं. जैसे ही वायरस शरीर में प्रवेश करता है, तो शरीर एंटीबॉडी बनते हैं, जो वायरस से लड़ते हैं. इसलिए अगर आप आईसोलेशन में हैं, और भले ही स्‍वस्‍थ महसूस कर रहे हैं, तो भी घर के बाकी सदस्यों से अलग रहें. चाहे आप होम आईसोलेशन में हों, या इंस्‍ट‍िट्यूशनल आईसोलेशन में हों, दूसरों से दूरी बनाकर रखना आपकी जिम्मेदारी है.आईसोलेशन से बाहर निकलने के बाद भी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना है.

कब हो सकता है 100 प्रतिशत तक रिकवरी रेट

वहीं देश में रिकवरी रेट और बेहतर कैसे हो सकता है इस पर उन्होंने कहा कि हर 15 दिन में हमारे यहां मरीजों की संख्‍या दुगनी हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारे देश में लोग एहतियात नहीं बरत रहे हैं। एक बार अगर संक्रमित हो गए, तो रिकवर होने में 2 से लेकर 4 सप्‍ताह लगते हैं। हमारे यहां रिकवरी रेट 50 प्रतिशत के करीब है. यह दर और बढ़ सकती है, लेकिन यह तभी संभव होगा, जब लोग एहतियात बरतेंगे.क्योंकि जब रिकवरी रेट बढ़ने लगता है, और उस बीच जब नए इंफेक्शन आ जाते हैं, तो रेट नीचे चला जाता है.

साथ ही रिकवरी रेट 100 प्रतिशत पर कहा कि अभी तक कोरोना से संक्रमित होने वालों में मॉर्टेलिटी रेट 3 प्रतिशत है। इसलिए रिकवरी रेट बढ़कर 97-98 प्रतिशत तक तो जा ही सकता है.आगे चलकर अगर मृत्‍यु दर घट कर दो प्रतिशत या एक प्रतिशत तक चली जाये, तो अच्‍छा हो सकता है.ऐसे में रिकवरी रेट 100 प्रतिशत के करीब जा सकता है.