राज्य महिला आयोग के प्रस्ताव को कांग्रेस ने महिलाओं को दबाने व कमजोर करने का बताया प्रयास

लखनऊ, 8 नवंबर : उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए एक प्रस्ताव दिया है. राज्य में अब पुरुष टेलर महिलाओं के कपड़े सिलने के लिए उनके नाप नहीं ले सकेंगे. इसके लिए महिला टेलर रखना होगा. वहीं, जिम में भी महिलाओं के लिए अलग से महिला ट्रेनर रखने का प्रस्ताव दिया गया है. उनके इस प्रस्ताव पर कांग्रेस ने निशाना साधा है.

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि महिलाओं को दबाने कमजोर करने का यह तानाशाही फैसला है. अंशू अवस्थी ने राज्य महिला आयोग के प्रस्ताव पर कहा कि महिलाएं अपने बारे स्वयं निर्णय ले सकती हैं. उनके ऊपर किसी का निर्णय थोपा नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा महिलाएं चाहेंं, तो पुरुष टेलर से माप कराएं या किसी भी जिम में जाएं. यह यह महिला के स्वविवेक का निर्णय है. इस प्रकार का आदेश तानाशाही रवैया है. महिला सुरक्षा के नाम पर भाजपा सरकार के ऐसे निर्णयों से उनके अधिकारों का हनन कर रही है, जबकि आज की तारीख में देश में यूपी में सबसे ज्यादा महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं. सरकार बलात्कारियों को बचाती रही है. यह भी पढ़ें : राज्यपाल ने अधिकतर विवि में नियमित कुलपतियों की कमी के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया

अवस्थी ने कहा, सरकार महिलाओं की सुरक्षा का प्रबंध करें, न कि अधिकारों पर डाका डाले. गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिला सुरक्षा के लिए राज्य में कुछ प्रस्ताव लाई है. आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ने कहा कि यह प्रस्ताव महिलाओं की सुरक्षा और उनके रोजगार के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. मेरा अनुरोध है कि जिम में महिलाओं के लिए महिला ट्रेनर और महिलाओं की कपड़े की नाप लेने के लिए महिला टेलर ही रखी जाए.

उन्होंने कहा कि पहले ब्यूटी पार्लर में सिर्फ महिला कर्मचारी ही होती थीं, पर अब पुरुष कर्मचारी भी होने लगे हैं. यहां तक कि आज ब्राइडल मेकअप भी पुरुष कर्मचारी कर रहे हैं. मैं बस इतना चाहती हूं कि अगर किसी महिला को पार्लर में पुरुष कर्मचारी की सेवाएं लेनी हैं, तो उसे इस बात को लिखकर देना होगा. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि पार्लर, जिम और टेलर के यहां पुरुष कर्मचारी होने पर इसका सत्यापन पुलिस द्वारा किया जाए.