नई दिल्ली: भारत के नए मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India- CJI) शरद अरविंद बोबडे (Sharad Arvind Bobde) ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान न्यायिक क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) (Artificial Intelligence) के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने इस विषय पर आगाह करते हुए कहा कि कानून क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य को लेकर गंभीर अध्ययन (Concerning The Future of Artificial Intelligence) होना चाहिए. उन्होंने कहा कि खासतौर पर हमें यह देखना होगा कि न्यायिक निर्णय लेने में यह कैसे मददगार साबित हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि यह उसका विकल्प न बन जाए.
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकों के बीच सूचना और तकनीक का उपयोग लगातार बढ़ रहा है और इसके अत्यधिक उपयोग को देखते हुए हमें भी न्यायिक फैसलों में आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं की मदद लेने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. यह भी पढ़ें: जस्टिस बोबडे बने भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पद की शपथ
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर गहन अध्ययन की जरूरत-
Sharad Arvind Bobde, Chief Justice of India (CJI): Must do serious study concerning the future of artificial intelligence in law, especially how it can assist in judicial decision making, certainly not substitute it. https://t.co/BeadfEUysL
— ANI (@ANI) November 21, 2019
बता दें कि बीते 18 नवंबर को ही जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (Justice Sharad Arvind Bobde) ने भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीशके तौर पर शपथ ग्रहण की है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने जस्टिस बोबडे को देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) (CJI) के तौर पर शपथ दिलाई है. गौरतलब है कि शपथ ग्रहण करने के बाद सीजेआई के तौर पर उनका कार्यकाल 17 महीने का होगा, जिसके बाद वे 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे.