
Mock drill in India: अगर 7 मई को आपके शहर में अचानक बिजली चली जाए, मोबाइल नेटवर्क बंद हो जाए या सड़कों पर पुलिस और पैरामिलिट्री जवान दिखाई दें तो घबराइए मत. ये सब भारत सरकार की तरफ से आयोजित सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का हिस्सा है. ये एक प्रैक्टिस ड्रिल है, जिससे आम जनता और प्रशासन आपातकालीन हालातों में कैसे प्रतिक्रिया दें, इसकी तैयारी कर सकें. इस मॉक ड्रिल के दौरान देश के चुनिंदा जिलों में ब्लैकआउट, ट्रैफिक डायवर्जन, सायरन और एरियल अटैक जैसे हालातों की नकली झलक देखने को मिल सकती है.
कई जगहों पर इवैक्यूएशन ड्रिल, यानी लोगों को एक जगह से दूसरी सुरक्षित जगह ले जाने की प्रैक्टिस भी की जाएगी. इस अभ्यास का मकसद डर फैलाना नहीं, बल्कि सतर्कता और तैयारी बढ़ाना है.
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देशभर के इन जिलों में आयोजित होगा मॉक ड्रिल
IMP: Names of districts across the nation where mock defence drills will be taking place on May 7. pic.twitter.com/rMHKu46uSW
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) May 6, 2025
SDRF ने श्रीनगर की डल झील में तैयारी की
VIDEO | Civil Defence Exercise: SDRF conducts preparations in Srinagar’s Dal Lake following the directive from the Ministry of Home Affairs. All states and Union Territories have been instructed to conduct a mock drill on May 7 as part of a nationwide civil defence preparedness… pic.twitter.com/3mqbgdrmcb
— Press Trust of India (@PTI_News) May 6, 2025
क्या-क्या हो सकता है इस ड्रिल में?
ब्लैकआउट: कुछ शहरों में रात के वक्त सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी. ताकि एरियल हमले की स्थिति में दुश्मन को लोकेशन न दिखे. ऐसा आखिरी बार भारत में 1971 की जंग के दौरान बड़े पैमाने पर किया गया था.
सायरन बजना: तेज आवाज में सायरन बज सकते हैं, जो लोगों को सावधान करने और छुपने का संकेत होगा.
कैमोफ्लाज एक्सरसाइज़: कुछ संवेदनशील इमारतों और इलाकों को छुपाने का अभ्यास किया जाएगा, ताकि उपग्रहों और दुश्मन के ड्रोन से बचाव हो सके.
जनता को ट्रेनिंग: स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में लोगों को सिखाया जाएगा कि इमरजेंसी में कैसे शांत रहें, शेल्टर कैसे खोजें और बेसिक फर्स्ट एड कैसे दें.
मॉक ड्रिल में कौन-कौन होगा शामिल?
इस ड्रिल में डिस्ट्रिक्ट प्रशासन, होम गार्ड्स, सिविल डिफेंस वार्डन, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र और छात्र-छात्राएं शामिल होंगे. इसके बाद हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को रिपोर्ट देनी होगी कि क्या-क्या सीखा और किन बातों में सुधार की जरूरत है.
ध्यान रखने वाली बातें
- घबराएं नहीं, ये सब अभ्यास का हिस्सा है.
- अफवाह या बिना जांचे खबरें सोशल मीडिया पर न फैलाएं.
- रेडियो या सरकारी चैनल से अपडेट लेते रहें.
- पानी, दवाई, टॉर्च जैसी जरूरी चीजें तैयार रखें.
ये ड्रिल किसी खतरे का संकेत नहीं है, बल्कि भविष्य की तैयारी का हिस्सा है. सरकार चाहती है कि जनता इन हालातों को समझे और गंभीरता से ले.