India-China Border Tension: असदुद्दीन ओवैसी बोले- चीन ने हमारे 20 जवानों को मार डाला सरकार उनकी शहादत को ऐसे ही जाने दे रही है
असदुद्दीन ओवैसी (Photo Credits ANI)

नई दिल्ली: राज्यसभा में आज कुछ अलग ही दृश्य देखने को मिला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्गुयसभा सांसद गुलाम नबी आजाद की मंगलवार को हुई विदाई के दौरान जहां पीएम मोदी भावुक हो गए. प्रधानमंत्री ने राजनीति में और सदन में गुलाम नबी आजाद के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा, "आप सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन मैं आपको सेवानिवृत्त नहीं होने दूंगा. मेरे दरवाजे हमेशा आपके लिए खुले हैं और हमें आपके योगदान और सलाह की जरूरत होगी. राज्यसभा में जहां आज भावुक भरा माहौल रहा. वहीं लोकसभा में अलग ही माहौल रहा देखने को मिला. असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पिछले साल गलवान घाटी में  शहीद हुए सेना के जवानों के साथ ही किसान मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश किया.

लोकसभा में अपने स्पीच के दौरान इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, भारत के 20 सेना के जवान बॉर्डर पर शहीद हो जाते हैं और सरकार है कि उनके शहादत को वैसे ही जाने दे रही हैं. ओवैसी ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा, लेकिन प्रधानमंत्री उस देश का नाम तक लेने से क्यों डर रहे हैं. यह भी पढ़े: India-China Border Tension: राहुल गांधी ने पीएम मोदी को फिर घेरा, कहा- भारत में लगातार निर्माण कर रहा है चीन, प्रधानमंत्री उसका नाम तक नहीं ले रहे

एआईएमआईएम प्अरमुख ओवैसी ने कृषि कानूनों के मुद्दे मुद्दे पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में भी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश किया. ओवैसी ने अपने भाषण में सरकार को घेरते हुए कहा की किसानों के साथ सरकार ऐसे व्यवहार कर रही है जैसे वे चीन के सैनिक हो. ओवैसी ने अपने भाषण में सरकार से मांग किया है कृषि कानून को रद्द किया जाए.

बात दें कि पिछले साल लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुए हिंसक झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं चीनी सेना की तरफ से भी करीब 43 लोग हताहत के साथ ही मारे जाने की खबर थी. हालांकि चीन की तरफ से अंत तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई  कि उसके कितने जवान मारे गए थे. क्योंकि वह बताना ही  नहीं चाह रहा था कि उसके देश के कितने सेना के जवानों की मौत और कितने घायल हुए हैं. जिसके बाद से चीन और भारत के बीच मन मुटाव बढ़ गया है और बढ़ता ही जा रहा है.