लोकआस्था के महापर्व छठ (Chhath) को लेकर बिहार की राजधानी पटना (Patna) में छठ की तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं. गंगा नदी में अधिक दिनों तक जलस्तर बढ़े रहने के कारण गंगा के तट दलदली हो गए हैं, जिस कारण छठ घाट बनाने में परेशानी आ रही है. इस बीच, प्रशासन राजधानी के तालाबों को छठ के लिए तैयार कराने में जुट गया है. पटना जिला के एक अधिकारी ने बताया कि गंगा तट पर कई स्थानों पर दलदल होने के कारण परेशानी बढ़ी है परंतु महत्वपूर्ण घाटों के लिए अस्थायी पथ बनाए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि कलेक्ट्रेट, बांसघाट और महेंद्रूघाट पर जलमग्न रास्ते के बीच गंगा की गाद हटाकर रास्ते का निर्माण कार्य युद्घ स्तर पर चल रहा है. कलेक्ट्रेट घाट से गाद हटाकर उस पर बालू भरे बोरे डालकर रास्ता बनाया जा रहा है. गंगा के जलस्तर में कमी आने से प्रशासन को काफी राहत मिली है. कुर्जी मोड़ से गंगा घाट जाने के लिए भी अस्थाई रास्ता बनाया जा रहा है. यहां दलदल इतना ज्यादा है कि छठ व्रतियों के वाहन फंसने का खतरा है.
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अन्य घाटों को लेकर भी प्रशासन तैयारी में जुटा है. पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा कि गंगा की धारा तेज है लेकिन जलस्तर घट रहा है. छठ महापर्व को लेकर व्रतियों को गंगा किनारे घाट पर कोई परेशानी नहीं हो, इसके मद्देनजर काम किया जा रहा है. इधर, जिला प्रशासन ने पटना के तालाबों को भी छठ के लायक बनाने को लेकर तैयारी प्रारंभ कर दी है. पटना के एक अधिकारी ने बताया कि पटना के 30 से ज्यादा तालाबों को छठ के मौके पर व्रतियों को भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के लिए तैयार किया जा रहा है.
गर्दनीबाग स्थित पंच मंदिर तालाब, सरिस्ताबाद के कच्ची तालाब, बीएमपी परिसर स्थित तालाब, मानिकचंद तालाब, संजय गांधी जैविक उद्यान तालाब को छठव्रतियों के लिए तैयार करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि इस साल छठ पर्व 31 अक्टूबर को 'नहाय-खाय' से शुरू होगा, और तीन नवंबर को 'पारण' के साथ समाप्त हो जाएगा. यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की पष्ठी को मनाया जाता है.